छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य पर दी गयी जानकारी
फोटो- गया- 04- लोगों को जानकारी देते डॉक्टरफोटो- गया- 05- कार्यक्रम में मौजूद छात्र-छात्राएं
वरीय संवाददाता, गया जी
मानसिक स्वास्थ्य के प्रति ध्यान रखना जरूरी है. आजकल की भागदौड़ से भरी ज़िंदगी में मेंटल हेल्थ को ठीक रखना एक गंभीर चुनौती है. छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का पता चलते ही बिना किसी झिझक के मनोचिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए. छात्रों का मानसिक स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक जीवन उनके व्यक्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है. पढ़ाई व नौकरी के दौरान छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के रूप में चिंता, अवसाद, और तनाव से सामना करना पड़ सकता है. इसके लिए जरूरी है कि छात्र इन समस्याओं के लक्षण दिखते हैं डॉक्टर से परामर्श लें. उक्त बातें चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एमइ हक ने सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य पर आयोजित एक कार्यक्रम में कही. उन्होंने कहा कि एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल करीब 13 हजार छात्र आत्महत्या करते हैं. जीवन में असफलता, निराशा या अनिश्चितता से कैसे निबटना है इसके लिए भी छात्रों को मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए. अत्यधिक शैक्षणिक दबाव बच्चों पर बुरा असर डाल रहे हैं.
अवसाद से निजात पाने के लिए दिनचर्या में बदलाव जरूरी
डॉ हक ने अवसाद से जुड़े लक्षणों पर कहा कि अवसाद के कारण शरीर में हर समय थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है. इसके अलावा अक्सर चिड़चिड़ापन महसूस होना भी अवसाद का लक्षण है. नींद न आना या फिर बहुत ज्यादा नींद आना, भूख न लगना या फिर बहुत ज्यादा भूख लगना, बहुत अधिक पेशाब लगना, इस तरह के लक्षण होने पर चिकित्सीय परामर्श जरूरी है. सिरदर्द, मांसपेशियों में तनाव, थकान, नींद की समस्या, पाचन संबंधी समस्याएं, चिड़चिड़ापन, चिंता, और मूड में बदलाव से सभी तनाव के लक्षण हैं. डॉ हक ने कहा कि तनाव से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनायें. नियमित व्यायाम के साथ पर्याप्त नींद लें. संतुलित आहार लेना, शराब और सिगरेट से बचना, और सामाजिक गतिविधियों में भाग लेना भी तनाव को दूर करता है. फल, सब्जियां, और साबुत अनाज खाएं. अपनी रुचियों में समय बिताने से तनाव कम होता है और खुशी मिलती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है