आइआइएम बोधगया के सैटेलाइट एग्जीक्यूटिव शिक्षा परिसर का निर्माण शुरू
वरीय संवाददाता, बोधगया.
आइआइएम बोधगया ने बिहटा में अपने सैटेलाइट एग्जीक्यूटिव शिक्षा परिसर का निर्माण शुरू किया. इस समारोह का नेतृत्व बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष एल रामकुमार ने किया, जिसमें बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य संदीप घोष और आइआइएम बोधगया की निदेशक डॉ विनिता एस सहाय भी उपस्थित रहीं. यह नया परिसर एग्जीक्यूटिव शिक्षा के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता का एक रणनीतिक विस्तार है, जिसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत पेशेवरों, सरकारी अधिकारियों और वरिष्ठ नेताओं को सशक्त बनाना है. नेतृत्व विकास और एग्जीक्यूटिव शिक्षा के केंद्र के रूप में परिकल्पित, बिहटा परिसर में प्रबंधन विकास कार्यक्रम (एमडीपी), एग्जीक्यूटिव एमबीए और एग्जीक्यूटिव पीएचडी पाठ्यक्रमों सहित कार्यक्रमों की एक विस्तृत शृंखला पेश की जायेगी. पटना के पास स्थित यह परिसर बिहार और अन्य राज्यों के प्रतिभागियों के लिए पहुंच को बढ़ाता है, जबकि लॉजिस्टिक चुनौतियों को कम करता है और सरकारी निकायों, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और शैक्षणिक संस्थानों के साथ गहरे जुड़ाव को बढ़ावा देता है. यह परिसर एम्स पटना, निफ्ट पटना और आइआइटी, पटना जैसे संस्थानों के सहयोग से एग्जीक्यूटिव प्रमाणपत्र कार्यक्रम भी आयोजित करेगा, जो अंतर-विषयक और क्रॉस-सेक्टोरल शिक्षा को बढ़ावा देगा. नियोजित पहलों में आइआइटी पटना के साथ एक दोहरी डिग्री कार्यक्रम और विभिन्न क्षेत्र-विशिष्ट क्षमता-निर्माण मॉड्यूल शामिल हैं. क्षेत्रीय विकास और संस्थागत क्षमता निर्माण का समर्थन करने के लिए आइआइएम बोधगया ने जल संसाधन विभाग, परिवहन विभाग, उद्योग विभाग, बिहार कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान (बामेती), आइजीआइएमएस पटना और पंचायती राज मंत्रालय सहित राज्य सरकार के विभागों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये हैं. ये साझेदारियां जमीनी स्तर पर शासन और लोक प्रशासन के लिए केंद्रित प्रशिक्षण को सक्षम बनाती हैं. नवाचार और आउटरीच के लिए चिह्नित एक वर्ष के दौरान संस्थान के एग्जीक्यूटिव शिक्षा विभाग ने कई प्रभावशाली पहल की. इनमें पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) और बिहार व झारखंड सरकारों के तहत निर्वाचित प्रतिनिधियों और पंचायती राज अधिकारियों के लिए एमडीपी, साथ ही शैक्षणिक नेताओं (एनएफएलपी कार्यक्रम), राज्य सरकार के अधिकारियों और बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के अधिकारियों के लिए नेतृत्व कार्यक्रम शामिल थे.8100 प्रतिभागियों को किया प्रशिक्षित
अकेले 2025 में संस्थान ने 125 से अधिक एग्जीक्यूटिव और प्रबंधन विकास कार्यक्रमों के माध्यम से 8100 से अधिक प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया. हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल), इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आइओसीएल) के कर्मियों और बिहार पुलिस अकादमी तथा राज्य अग्निशमन विभाग के पुलिस उपाधीक्षकों व अग्निशमन अधिकारियों के लिए भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किये गये, जिससे विभिन्न सार्वजनिक सेवा स्तरों पर नेतृत्व को मजबूत किया जा सके. इसके अतिरिक्त संस्थान ने निजी उच्च शिक्षा संस्थानों में अकादमिक नेतृत्व पर एक संकाय विकास कार्यक्रम (एफडीपी) का आयोजन किया, जो निजी शिक्षा क्षेत्र में शासन और नेतृत्व कौशल की बढ़ती मांग को पूरा करता है. आगामी बिहटा परिसर और रणनीतिक साझेदारियों के एक मजबूत नेटवर्क के साथ आइआइएम, बोधगया एग्जीक्यूटिव और व्यावसायिक शिक्षा में एक राष्ट्रीय नेतृत्वकर्ता के रूप में उभरने के लिए तैयार है, जो अकादमिक जगत, सरकार और उद्योग को जोड़कर प्रभावशाली, समावेशी और सतत विकास को बढ़ावा देगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है