गया जी. विशेष सघन पुनरीक्षण वापस लेने की मांग को लेकर भाकपा-माले कार्यकर्ताओं ने गया में राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया. आंबेडकर पार्क से शुरू हुआ जुलूस दिग्घी तालाब होते हुए समाहरणालय पहुंचा, जहां सभा की गयी. माले नेताओं ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने अचानक बिहार के आठ करोड़ मतदाताओं के लिए महज एक महीने में विशेष गहन पुनरीक्षण का निर्णय लिया है, जबकि हाल ही में विधानसभा चुनाव को देखते हुए मतदाता सूची का काम पूरा हो चुका था. नेताओं का कहना था कि इस पुनरीक्षण में ऐसे दस्तावेज मांगे जा रहे हैं जो गरीबों के पास सामान्यतः नहीं होते, और इतने कम समय में सरकार से हासिल भी नहीं किये जा सकते. यह कदम वर्षा, बाढ़ और सघन खेती के समय में उठाया गया है, जब बड़ी संख्या में लोग रोजी-रोटी के लिए राज्य से बाहर रहते हैं. इसे नोटबंदी की तरह गरीबों की ‘वोटबंदी’ करार देते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए पार्टियां गरीबों के नाम वोटर लिस्ट से काटकर चुनाव जीतने की साजिश रच रही हैं. माले ने एक से 31 जुलाई तक ‘मताधिकार बचाओ, लोकतंत्र बचाओ’ जन अभियान चलाने की घोषणा की है. कार्यक्रम में भाकपा माले नगर प्रभारी तारिक अनवर, राज्य कमेटी सदस्य रीता वर्णवाल, जिला कमेटी सदस्य सुदामा राम, रामचंद्र प्रसाद, अर्जुन सिंह, सिद्धनाथ सिंह, बरती चौधरी, ईश्वर चौधरी, अंजली देवी, चंदू राम व अजित यादव सहित कई शामिल थे.
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