Bihar News: गया के जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय परिसर एक मार्मिक दृश्य का साक्षी बना, जब डोभी प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय मनिपर की महिला टोला सेवक विभा कुमारी अचानक चक्कर खाकर गिर पड़ीं. कार्यालय परिसर में मौजूद कर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें कुर्सी पर लिटाया और पानी पिलाया. थोड़ी देर बाद जब विभा कुमारी होश में आयीं, तो वे फूट-फूट कर रोने लगीं और वहां मौजूद अन्य महिला कर्मियों की आंखें भी नम हो गयीं.
विभा ने आरोप लगाया कि शिक्षा विभाग के दो कर्मियों तारिक और नीलेश ने उनके बकाया वेतन भुगतान के बदले में एक माह की सैलरी की मांग की थी. विभा कुमारी ने बताया कि उनका दो वर्षों का वेतन बकाया है. घरवाले भी ताना मारते हैं कि कमा क्या रही हो. बेटा भी पिछले साल जून में जन्म के बाद गुजर गया. एक बेटी के सहारे जीवन चल रहा है. उन्होंने आगे बताया कि कुछ दिन पहले उन्हें ब्लड चढ़ाया गया था और जब डीपीओ साक्षरता से मदद मांगी तो जवाब मिला आपके लिए अलॉटमेंट नहीं है.
डीइओ ने दिखायी सख्ती, जांच के निर्देश
इसी दौरान जिला शिक्षा पदाधिकारी डॉ ओम प्रकाश कार्यालय पहुंचे. जैसे ही उन्हें घटना की जानकारी मिली, उन्होंने विभा को अपने कक्ष में बुलाया. विभा की आपबीती सुनने के बाद डीइओ ने कड़ी नाराजगी जतायी और दोनों संबंधित कर्मियों को फटकार लगाते हुए कहा बिना जेल गये नहीं मानोगे क्या. डीइओ ने बताया कि वेतन भुगतान को लेकर वे पहले ही तीन बार निर्देश दे चुके हैं, फिर भी भुगतान नहीं हुआ. कर्मियों ने जवाब दिया कि मामला ट्रेजरी में अटका है. डीइओ ने तुरंत समाधान का आश्वासन दिया और विभा को घर भेजा.
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पहले भी उठी थी शिकायत
सूत्रों के अनुसार, यह मामला नया नहीं है. विभा कुमारी ने पूर्व में भी कर्मी तारिक के खिलाफ पैसे मांगने की शिकायत की थी, जिस पर शोकॉज जारी किया गया था. लेकिन विभागीय सूत्र बताते हैं कि आज तक उस शोकॉज का जवाब विभाग को नहीं मिला है. मानसिक, पारिवारिक और आर्थिक संकट से जूझ रहीं विभा अब न्याय की आस लगाये बैठी हैं. उन्होंने कहा कि अगर पेमेंट मिलता रहता, तो शायद ये हालात नहीं होते.
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