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Gaya News: सार्वजनिक जगहों पर अकेले घूम रहे बच्चे की बाल तस्करी की संभावना अधिक, बच्चों की देखरेख और संरक्षण पर बोले एसएसपी

Gaya News: गया में एसएसपी ने कहा कि यदि कोई बच्चा बिना अभिभावक के किसी रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप पर अकेला घूमता मिलता है, तो उसकी बाल तस्करी की संभावना सबसे ज्यादा होती है.

Gaya News: गया जिला के एसएसपी कार्यालय सभागार में सभी बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारियों की किशोर न्याय (बच्चों की देखरेख व संरक्षण )अधिनियम 2015 और पॉक्सो अधिनियम 2012 के प्रावधानों पर विशेष प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. ट्रेनिंग सत्र की अध्यक्षता एसएसपी आनंद कुमार ने की. सेंटर डायरेक्ट स्वयंसेवी संस्था के द्वारा आयोजित प्रशिक्षण में जिले के बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारियों जुटे. एसएसपी ने बताया की समाज के आर्थिक, सामाजिक, शारीरिक व बौद्धिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को विशेष सहयोग की आवश्यकता है.

एसएसपी सहित बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी हुए शामिल

एक शोध में पता चला है कि यदि कोई बच्चा बिना अभिभावक के किसी रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप पर अकेला घूमता मिलता है, तो उसकी बाल तस्करी की संभावना सबसे ज्यादा होती है, एसएसपी ने सभी को बताया कि बच्चे भगवान के रूप होते हैं और सभी बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी को भगवान की सेवा करने का मौका मिल रहा है. यह बहुत पुण्य का काम है. किशोर न्याय (बच्चों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 और पॉक्सो अधिनियम 2012 पर अधिवक्ता व समाजसेवी केडी मिश्र ने प्रशिक्षण दिया गया. यदि कोई बच्चा किसी जुर्म में फंसता है, तो बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी को बच्चों के हित को देखते हुए निर्णय लेने की आवश्यकता होगी. सबसे पहले बच्चों की उम्र का सत्यापन करना अनिवार्य होगा. साथ ही जिला बाल कल्याण समिति को सूचित करना होगा. वहीं बच्चों की पहचान सार्वजनिक नहीं करनी चाहिए.

पॉक्सो पर बच्चों के बारे में प्रशिक्षित किया गया

जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष सुजाता माथुर के द्वारा पॉक्सो पर बच्चों के बारे में प्रशिक्षित किया गया. सेंटर डायरेक्ट संस्था के कार्यकारी निदेशक सुरेश कुमार ने जिले में बाल तस्करी, बालश्रम पर किये गये अब तक के कार्यों पर विस्तार से बताया. मुक्त हुए बच्चों की सफलताओं को साझा किया. पुलिस उपाधीक्षक विशेष अपराध निर्मल कुमार के द्वारा सभी बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारियों को बच्चों के कल्याण के लिए कार्य करने के लिए संबोधित किया. बताया की बच्चों के केस में यथा संभव कोशिश करनी चाहिये कि केस को थाने के स्तर पर ही निबटारा कर देना चाहिये. हमारी कोशिश रहती है की पोक्सो, एससी/एसटी और महिलाओं के केस को प्राथमिकता के आधार पर जल्द से जल्द निस्तारण हो सके जिससे उनको मुवावजा मिल सके.

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Radheshyam Kushwaha
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.

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