Vishnupad Temple: मोक्ष की नगरी गयाजी के प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर में इस साल भी भव्य झूलन महोत्सव का आयोजन होने जा रहा है. 5 अगस्त से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलने वाला यह पर्व बहुत ही अलौकिक अनुभूति कराता है. इस दौरान भगवान श्रीहरि विष्णु चांदी के झूले पर विराजमान होंगे और भक्तों को दर्शन देंगे. मंदिर में हर दिन विशेष श्रृंगार, गर्भगृह में महाआरती और पूजा-पाठ की भव्य व्यवस्था की जाती है. भक्तों के लिए यह एक अलौकिक और आध्यात्मिक अनुभव होता है.
त्रेता युग से चली आ रही है ये परम्परा…
बताया जाता है कि सावन महीने की यह परंपरा त्रेता युग से चली आ रही है और सनातन धर्म में झूलन महोत्सव को विशेष महत्व प्राप्त है. साथ ही इस दौरान मंदिर परिसर में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे. 51 किलो के चांदी से झुला बनाया जाएगा. आयोजन में भगवान विष्णु के सोने से बने चरण को 51 किलो वजनी चांदी के झूले पर विराजमान किया जाएगा. पांच दिनों तक चलने वाले इस आयोजन के दौरान मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. सुबह से रात तक भगवान के दर्शन के लिए लंबी कतारें लग जाती हैं. इसके अलावा विष्णुपद मंदिर को रंग-बिरंगी लाइटों और फूलों से भव्य रूप से सजाया जाता है. पूरा परिसर उत्सवमय वातावरण में डूबा होता है और हर कोना भक्ति से गूंज उठता है.
शुरू है आयोजन की पूरी तैयारी
श्री विष्णुपद प्रबन्धकारिणी समिति के अध्यक्ष शम्भू लाल विट्ठल की माने तो झूलन महोत्सव की तैयारी शुरू हो चुकी है और यह आयोजन बहुत ही भव्य होने वाला वाला है. झूलनोत्सव को लेकर मंदिर परिसर की विशेष सफाई और सजावट की जा रही है. भक्तों के स्वागत और दर्शन की व्यवस्था को लेकर मंदिर प्रशासन पूरी तरह सक्रिय है.
ऐसे की जाएगी पूजा-अर्चना…
इस अवसर पर भगवान विष्णु के सोने के चरण को चांदी के झूले पर सुसज्जित किया जाएगा. झूले को फूलों की माला और तुलसी पत्रों से खूबसूरती से सजाया जाएगा. हर दिन मंदिर में विशेष पूजा, मंगल आरती और भोग अर्पण की परंपरा निभाई जाएगी. पूजा के बाद भगवान के चरणों को झूले में झुलाया जाता है, जिसे देखने के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में मंदिर पहुंचते हैं.
होंगे अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम
विष्णुपद मंदिर में झूलनोत्सव के अवसर पर भजन गायन का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रसिद्ध भजन गायिका देवी अनुराधा सरस्वती अपने मधुर भजनों से श्रद्धालुओं को भाव-विभोर करेंगी. इसके अलावा वाराणसी, कोलकाता और लखनऊ से आए कलाकार शास्त्रीय संगीत और नृत्य की प्रस्तुतियां देंगे. श्रद्धालु इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद उठाएंगे. महोत्सव के दौरान भगवान श्रीकृष्ण की लीला पर आधारित भव्य झांकियां भी दिखाई जाएंगी, जो पूरे आयोजन में भक्तिमय माहौल बनाए रखेंगी. ये आयोजन श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव बन जाएगा.
(जयश्री आनंद की रिपोर्ट)