सोनो . प्रखंड क्षेत्र में मवेशियों के बीच लंपी नामक बीमारी तेजी से फैल रही है. मवेशियों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहे इस स्किन डिजीज से पशुपालक परेशान हैं. केवाली, चुरहेत, सोनो, दहियारी, डुमरी, बटिया और भेलवा-मोहनपुर सहित कई गावों में लंपी नामक स्किन डिजीज लगातार बढ़ता जा रहा है. गाय, बैल और बछड़ों में फैल रही यह संक्रामक बीमारी पशुओं के लिए जानलेवा साबित हो रही है. इससे संक्रमित होकर मवेशी चारा-पानी लेना छोड़ दे रहे हैं. संक्रमण के बढ़ने पर मवेशी उठने-बैठने में भी असमर्थ हो जा रहे हैं. इसके लिए हालांकि पशु चिकित्सा विभाग की ओर से दवा दी जा रही है परंतु इसका असर सीमित बताया जा रहा है. अलबत्ता पशु पालक इसके लिए घरेलू उपायों का भी सहारा ले रहे है. प्रभारी पशु चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ श्यामशंकर बताते हैं कि यह एक वायरल रोग है, जिसमें मवेशियों को तेज बुखार, नाक और मुंह से स्राव, शरीर पर गांठें, खून बहना, दूध उत्पादन में गिरावट और पैरों में सूजन जैसी तकलीफ आती है. कई मामलों में मवेशियों की मौत भी हो सकती है. उन्होंने इसकी रोकथाम के संदर्भ में बताया कि संक्रमित पशुओं को अन्य मवेशियों से अलग रखना जरूरी है और उचित व जरूरी दवा देते रहना है. उन्होंने पशुपालकों से अपील की कि वे किसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करें और जल्द से जल्द उपचार शुरू करें. उन्होंने कहा कि लंपी एक अत्यंत संक्रामक रोग है और इससे निपटने के लिए सामुदायिक जागरूकता और सतर्कता बेहद जरूरी है. उन्होंने घरेलू उपचार को भी कारगर बताया है और इसके लिए उन्होंने खुराक की विस्तृत जानकारी भी दिया है.
घरेलू उपचार
-10 पान के पत्ते, 10 ग्राम काली मिर्च, 10 ग्राम नमक और गुड़ मिलाकर पेस्ट बनाएं और हर घंटे मवेशी को दें.
-लहसुन, धनिया, जीरा, दालचीनी, हल्दी, चिरायता, तुलसी, बेल, नीम, छोटे प्याज और गुड़ का मिश्रण तैयार करें और इस मिश्रण को निम्न तरीके से दें-पहला दिन: हर तीन घंटे पर एक खुराक
-दूसरे दिन से: दिन में दो बार, जब तक सुधार न होबाहरी उपचार (घावों पर)
कुप्पी, लहसुन, नीम, तुलसी, मेहंदी को पीसकर नारियल या तिल के तेल में उबालें फिर ठंडा कर घावों पर लेप लगाएं. इससे सूजन और संक्रमण में राहत मिलती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है