Bihar Teacher: बिहार में जमुई के चंद्रमंडी प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय मालदेयडीह में गुरुवार को एक ऐसा दृश्य सामने आया, जिसे देख हर आंख नम हो गई. हिंदी शिक्षक दीपक कुमार के ट्रांसफर की खबर के बाद जब स्कूल में उनका विदाई समारोह आयोजित हुआ, तो पूरा माहौल भावुकता से भर गया.
शिक्षक दीपक कुमार जैसे ही मंच पर आए और बच्चों से विदाई के शब्द कहने शुरू किए, उनकी आंखें भर आईं. बोलते-बोलते वे रुक गए और गला भर आया. दीपक सर को भावुक देख बच्चों का दिल भी टूट गया. दर्जनों छात्र-छात्राएं फूट-फूट कर रोने लगे. किसी ने चेहरा किताब से ढक लिया तो कोई बेंच पर सिर रखकर सिसकता रहा. यह दृश्य वहां मौजूद हर व्यक्ति को अंदर तक छू गया.
जमुई के इस विद्यालय में दो साल पढ़ाया
दीपक कुमार पिछले करीब दो साल से इस विद्यालय में कार्यरत थे. इन दो साल में उन्होंने केवल पढ़ाया ही नहीं , बल्कि बच्चों के भीतर आत्मविश्वास, अनुशासन और संस्कार भी दिए. स्थानीय लोगों और स्कूल स्टाफ का कहना है कि दीपक सर बच्चों के लिए सिर्फ एक शिक्षक नहीं बल्कि एक संरक्षक, एक गाइड और सबसे बढ़कर एक सच्चे प्रेरणास्रोत बन गए थे.
विदाई में सिर्फ आंसू नहीं, आंखों में सच्ची कदर दिखी
विदाई समारोह में बच्चों ने दीपक सर को फूलों की माला पहनाई, लेकिन उनकी आंखों में भावनाओं का सैलाब साफ नजर आ रहा था. दीपक कुमार ने भी इस मौके पर सभी विद्यार्थियों से एक-एक कर बातें कीं, उन्हें समझाया कि बदलाव जीवन का हिस्सा है और उन्हें आगे भी मेहनत करनी चाहिए.
आखिरी पल में उन्होंने कई बच्चों के साथ सेल्फी ली, उन्हें गले लगाया और वादा किया कि वे बच्चों की प्रगति की खबरें लेते रहेंगे. उनकी आंखें बार-बार भर आ रही थीं, लेकिन चेहरे पर बच्चों के लिए स्नेह और आशीर्वाद साफ झलक रहा था.
अब पटना में देंगे सेवा, लेकिन मालदेयडीह उन्हें कभी नहीं भूलेगा
दीपक कुमार का तबादला अब पटना में हुआ है. वे वहां अपनी सेवा जारी रखेंगे. मगर मालदेयडीह स्कूल के छात्र-छात्राओं और ग्रामीणों के लिए उनका जाना एक खालीपन की तरह है, जिसे भरना आसान नहीं. यहां के बच्चों ने जिस प्यार से उन्हें विदा किया, वह हर शिक्षक के लिए एक आदर्श मिसाल बन सकती है.
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