बिहार के कटिहार से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर हर कोई हैरान है. दरअसल, जिले के बरारी प्रखंड के टाली मुस्लिम टोले के रहने वाले एक युवक को असम की एक महिला ने खुद को अविवाहित बताकर तीन साल तक प्यार किया और फिर कटिहार पहुंचकर उससे कोर्ट मैरिज कर ली. दोनों पति-पत्नी की तरह साथ रहने लगे. लेकिन जब गुरुवार को असम पुलिस महिला की तलाश में गांव में पहुंची और उसने सच्चाई बताई तो युवक के साथ ही परिवार वालों को जोरदार झटका लगा.
असम पुलिस ने बताई सच्चाई तो टूटा युवक का दिल
पुलिस ने बताया कि महिला के पति ने जनवरी में अपनी पत्नी के गुमशुदगी की एफआईआर दर्ज कराई. जिसके बाद से ही महिला की तलाश की जा रही थी. वही युवक मोहम्मद तौफीक ने बताया कि पांच जनवरी को महिला दिलसही बेगम असम से कटिहार आ गई और तौफीक के घर पर रहने लगी. तौफी के परिवार वाले भी दिलसही को बहू के रूप में मान चुके थे.
महिला ने खुद को बताया अविवाहित
वहीं, महिला दिलसही बेगम ने असम पुलिस के दावे को नकारते हुए खुद को अविवाहित बताया. उसने कहा कि वह शादीशुदा नहीं है और उसे जबरदस्ती उसके कथित पति के पास भेजा जा रहा है. उसने गुहार लगाई कि उसे तौफीक के साथ रहने दिया जाए, लेकिन असम पुलिस के पास उसके शादीशुदा होने के पूरे सबूत थे. जिसके बाद प्रेमी युगल घबरा गए और घर से भागकर मुख्य पार्षद बबीता कुमारी यादव के घर शरण ले ली. लेकिन ग्रामीणों ने स्थिति को देखते हुए गांव की बहू की और बेटी की तरह दिलसही को पुलिस के साथ विदा कर दिया.
बिहार की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें
विदाई के समय खूब रोए प्रेमी युगल
गांव वालों ने जब दिलसही की विदाई का फैसला किया तो उसके प्रेमी ने प्रेमिका को जाते वक्त रोकने की कोशिश की, मगर कानून के सामने बेबस था. दोनों एक-दूसरे से लिपटकर खूब रोए, लेकिन अंततः दिलसही को उसके पहले पति के पास भेज दिया गया. दिलसही ने भी पुलिस से गुहार लगाई कि उसे तौफीक के साथ रहने दिया जाए. प्रेमी के साथ ही तौफीक के परिवार वाले भी इस घटना से आहत हैं, लेकिन कानून का पालन करते हुए उन्होंने पुलिस को सहयोग किया. वहीं, तौफीक अब अपने इस टूटे रिश्ते को भुलाने की कोशिश कर रहा है.
पढ़ें प्रभात खबर की प्रीमियम स्टोरी :क्या चाहता है भारत का मुसलमान ? क्यों शिक्षा के क्षेत्र में वह अब भी है सबसे निचले पायदान पर