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एआरटी भवन अब बन गया जिला वैक्सीन भंडार का केंद्र

एआरटी भवन अब बन गया जिला वैक्सीन भंडार का केंद्र

कटिहार एचआईवी पीड़ित मरीजों को बेहतर उपचार व दवाई के लिए सदर अस्पताल परिसर में बनाये गये एआरटी भवन एचआईवी मरीजों के लिए आज तक उनका उपयोग मरीजों के लिए नहीं हो पाया. लेकिन भवन अब जिला वैक्सीन भंडार भवन जरूर बन गया है. मरीजों को दवाई के लिए ज्यादा दूर नहीं जाने के उद्देश्य से सदर अस्पताल परिसर में 2018 में ही एआरटी सेंटर की स्थापना की गयी थी. लेकिन आज तक यह भवन एचआईवी पीड़ित मरीजों के उपयोग के लिए कारगर साबित नहीं हो पाया. लेकिन जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इसे जिला वैक्सीन भंडार कक्ष जरूर बना डाला. विडंबना है कि आज भी इस भवन में एआरटी सेंटर नहीं खुल पाया. जिस कारण से मरीजों को दवाई के लिए सीधे मेडिकल कॉलेज के एआरटी सेंटर जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है. दरअसल सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत काफी मशक्कत के बाद जिला एड्स बचाव नियंत्रण इकाई के पहल द्वारा सांसद कोष से सदर अस्पताल परिसर में एचआईवी एड्स के इलाज का उपचार के लिए 1000 वर्ग फीट में एआरटी सेंटर भवन बनाया गया था. पिछले 16 जुलाई 2018 को सांसद तारीक अनवर ने अपने सांसद कोष इस भवन का निर्माण कराते हुए इसका उद्घाटन किया था. लेकिन आज तक यह भवन एचआईवी पीड़ित मरीजों के लिए कारगर साबित नहीं हो पाया. जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के उदासीनता के कारण आज तक इस भवन का लाभ एचआईवी मरीज को नहीं मिल पाया. 2018 में एआरटी सेंटर भवन बनकर पूरी तरह से तैयार था. लेकिन बिजली की वायरिंग की कंप्लीट नहीं होने के कारण इस भवन को उपयोग में नहीं लाया जा सका था. आठ साल बीत जाने के बाद भी आज तक इस भवन का लाभ एचआईवी पीड़ित मरीजों को नहीं मिल पाया. कोरोना काल के समय में इस भवन में ट्रूनेट जांच की सेवा शुरू कर दी. लेकिन अभी हाल में पूरे भवन को जिला वैक्सीन भंडार के रूप में तब्दील कर दिया गया है. जबकि यह भवन एचआईवी पीड़ित मरीज के लिए एआरटी सेंटर बनना था. जहां पर मरीज को चिकित्सक की सलाह के साथ काउंसलर और दवाई निर्गत कराई जाती. जहां इस भवन का मरीज को इनका पूरा लाभ मिलता. लेकिन अधिकारियों के उदासीनता के कारण लाखों रुपए के बनाये गये इस भवन का लाभ पीड़ित को नहीं मिला. लेकिन यह वैक्सीन भंडार भवन जरूर बन गया. एचआईवी पीड़ित मरीज को दवाई के लिए जाना पड़ता है मेडिकल कॉलेज जिला में बड़ी संख्या में एचआईवी पीड़ित मरीज मौजूद है. इन सभी मरीजों को दवाई एआरटी सेंटर से लेते हैं. सदर अस्पताल परिसर में सेंटर नहीं मौजूद रहने के कारण सभी मरीज मेडिकल कॉलेज स्थित एआरटी सेंटर में जाकर ही दवाई लेते हैं. ऐसे में मरीजों को इतनी दूर जाने में काफी परेशानी उठानी पड़ती है. आलम यह है कि अधिकारियों की उदासीनता के कारण सभी को सीधे मेडिकल कॉलेज दवाई लेने के लिए जाना पड़ता है. मरीज को परेशानी नहीं हो इसी को देखते हुए सांसद कोष से सदर अस्पताल परिसर में एआरटी सेंटर बनाया गया था. यदि सदर अस्पताल परिसर स्थित बने एआरटी सेंटर का संचालन कर दिया होता तो यहां पर मरीज को न केवल दवाई निर्गत करायी जाती बल्कि एक मेडिकल ऑफिसर, दो काउंसलर एक एएनएम एक केयर कोऑर्डिनेटर आदि का भी लाभ मरीज को मिल पाता. इससे मरीजों को काफी सहूलियत होती. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. एआरटी सेंटर अब जिला वेक्सीन भंडार गृह बन कर रह गया.

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