कटिहार आनंद भवन में गुरुवार को जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन,कटिहार के तत्वावधान में मुंशी प्रेमचंद की जयंती और लघुकथा संग्रह अलगू व जुम्मन का लोकार्पण समारोह पूर्वक आयोजित किया गया. समारोह का उदघाटन अध्यक्ष व संरक्षक सदस्यों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. अध्यक्षता डॉ सुरेश चंद्र सरस ने की. लक्ष्मी कुमारी ने स्वास्तिक गायन से समारोह को सुरमय बनाया. प्रचार मंत्री अजय कुमार मीत ने अतिथियों के लिए स्वागत भाषण किया. अध्यक्ष ने प्रेमचंद के साहित्य पर प्रकाश डाला और पुस्तक लघुकथा संग्रह की सराहना की. प्रधान मंत्री डॉ अवध विहारी आचार्य ने विषय प्रवेश पर अपना आख्यान प्रस्तुत किया. सर्वप्रथम उपस्थित अतिथियों ने मुंशी प्रेमचंद के चित्र पर माल्यार्पण किया. तत्पश्चात लघुकथा संग्रह (अलगू और जुम्मन) का लोकार्पण मुख्य अतिथि रीना गुप्ता, अध्यक्ष समेत सभी पदाधिकारी व संरक्षक ने संयुक्त रूप से किया. वक्ताओं ने मुंशी प्रेमचंद पर विचार व्यक्त करते हुए प्रेमचंद की प्रासंगिकता पर विस्तार पूर्वक चर्चा की. कहा कि आज भी प्रेमचंद का पाठक वर्ग किसी भी आधुनिक लेखक से बड़ा है. इसे महज संयोग ही कहा जायेगा कि प्रेमचंद जयंती के दिन ही उनकी कहानियों के अमर पात्र अलगू और जुम्मन (पंच परमेश्वर) के नाम से एक लघुकथा संग्रह अलगू और जुम्मन संपादक कामेश्वर पंकज का लोकार्पण भी हुआ. यह संग्रह सांप्रदायिक सौहार्द केंद्रित लघुकथाओं का है. संपादक ने लिखा है कि यह लघुकथा संग्रह किसी भी देश या समाज के उन लोगों को समर्पित है, जो किसी सांप्रदायिक घृणा और विद्वेष से पीड़ित है. विषय की प्रासंगिकता पर कई वक्ताओं ने प्रकाश डाला. समारोह में गणमान्य साहित्यकार सहदेव मिश्र, कन्हैया प्रसाद केशरी, अशोक कुमार सर्वोदयी, लक्ष्मी कुमारी, साकिब कलीम, विजय कुमार सुदामा, खगेश ब्यास, राम राम कुशवाह, कामेश्वर पंकज, रोहित कुमार, उमेश कुमार आर्य विशेष रूप से आमंत्रित विजय सुदामा, डाॅ सुरेन्द्र झा उपस्थित रहे. मंच संचालन अवध विहारी आचार्य ने किया. धन्यवाद ज्ञापन लक्ष्मी कुमारी ने की.
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