– संचालन में कॉलेज प्रशासन को हो रही परेशानी, कई तरह के कार्य हो रहा प्रभावित – बार-बार विश्वविद्यालय को लिखित अवगत का हीं मिल पा रहा लाभ कटिहार पूर्णिया विवि का एकमात्र जिले का अनुमंडल स्तरीय अंगीभूत इकाई आरडीएस कॉलेज सालमारी की स्थापना सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों के उच्चस्तरीय शिक्षा को लेकर 1963 में स्थापना की गयी. देखरेख के अभाव में व्यवस्था ध्वस्त के कगार पर है. पिछले छह माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी लेखापाल नहीं रहने के कारण जैसे तैसे संचालन हो रहा है. बार बार विवि को लिखित अवगत कराने के बाद भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिये जाने के कारण कॉलेज प्रशासन को संचालन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही लेखापाल के नहीं रहने के कारण कॉलेज का विकास कार्य प्रभावित हो रहा है. अभाविप के बासु कुमार, रोहित कुमार समेत अन्य का कहना है कि नये प्रभारी प्राचार्य के योगदान के बाद से गतिविधि शिथिल है. उनलोगों का कहना है कि जिस उद्देश्य से इस कॉलेज की स्थापना की गयी थी. उद्देश्य पूरा नहीं होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र के छात्र छात्राएं उच्च शिक्षा को लेकर दूसरे कॉलेजों का चक्कर लगाने को विवश हो रहे हैं. नये प्रभारी प्राचार्य के रूप में जब से डॉ सतीशचन्द्र मिश्र को दायित्व दिया गया है. तब से कॉलेज संचालन में जूझ रहे हैं. करीब चालीस किलोमीटर दूर कटिहार से प्रतिदिन सालमारी आना जाना होता है. इस वजह से वर्ग संचालन को लेकर भी कई बार समस्या आ गयी है. लेखापाल नहीं रहने के कारण लेखा से सम्बंधित कार्य प्रभावित है. उनलोगों की माने तो आरडीएस कॉलेज सालमारी के लेखापाल भवरंजन मुखर्जी का सेवानिवृत हुए करीब दस वर्ष हो गये. तब से अब तक निजी स्तर से उन्हीं से कई प्राचार्य द्वारा कार्य लिया जा रहा था. जनवरी में विवि से उनका एग्रीमेंट खत्म होने के बाद से परेशानी और बढ गयी है. कई तरह की परेशानियों का करना पड़ता है सामना विवि से अनुमति लेकर उनसे लेखापाल का कार्य लिया जा रहा था. ऐसा पूर्व प्राचार्य डॉ दिलीप कुमार यादव का कहना है. जनवरी माह में विवि से एकरारनामा खत्म होने के बाद से लेखापाल का अभाव है. जिससे कारण लेखा से सम्बंधित कई कार्य प्रभावित हैं. खासकर एफसीआर और डीसीआर की जांच नहीं के बराबर हो पा रही है. शिक्षकों की माने तो एफसीआर और डीसीआर एजेंसी के द्वारा तैयार साफ्टवेटर से कार्य चलाया जा रहा है. लेकिन उक्त रजिस्टर को जांच करने वाला लेखापाल हीं नहीं है. ऐसे में उक्त दोनों रजिस्टर सही सही भरा रहा है या नहीं इसे देखनेवाला तक नहीं है. विवि को कराया गया अवगत जबसे वे कॉलेज में योगदान दिया है. तब से लेखापाल का अभाव है. जिसके वजह से कई तरह की परेशानियों से दोचार होना पड़ रहा है. लेखापाल के लिए विवि को लिखित अवगत कराया गया है. खासकर लेखा से सम्बंधित कई कार्य प्रभावित हो रहे हैं. इसको लेकर हर हमेशा भय का माहौल बना रहता है. डॉ सतीशचन्द्र मिश्रा, प्रभारी प्राचार्य, आरडीएस कॉलेज सालमारी
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