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जीवन ज्योति हॉस्पिटल की जांच में चिकित्सक व प्रशिक्षित स्टाफ नहीं मिले

जीवन ज्योति हॉस्पिटल की जांच में चिकित्सक व प्रशिक्षित स्टाफ नहीं मिले

– अस्पताल प्रबंधन ने वैध लाइसेंस भी प्रस्तुत नहीं किया – कार्रवाई के लिए वरीय अधिकारी को रिपोर्ट भेजा गया कोढ़ा कोढ़ा प्रखंड के गेड़ाबाड़ी बाजार स्थित जीवन ज्योति हॉस्पिटल में स्वास्थ्य सेवाओं की भारी अनियमितता व लापरवाही का खुलासा हुआ है. प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अमित आर्या के नेतृत्व में चलाये गये औचक निरीक्षण अभियान के दौरान यह चौंकाने वाली सच्चाई सामने आयी. डॉ आर्या ने बताया कि जांच के दौरान हॉस्पिटल प्रबंधन न तो कोई वैध लाइसेंस प्रस्तुत कर पाया और न ही अस्पताल में पंजीकृत चिकित्सक अथवा प्रशिक्षित स्टाफ मौजूद थे. अस्पताल में बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं का भी अभाव था. आपातकालीन सेवा की कोई व्यवस्था नहीं थी और न ही साफ-सफाई का उचित प्रबंध. यह स्थिति मरीजों की जान के साथ खुलेआम खिलवाड़ के समान है. इस निरीक्षण के दौरान जब एक स्थानीय पत्रकार मौके पर खबर संकलन के लिए पहुंचे, तो अस्पताल संचालक सुदर्शन कुमार यादव ने उन्हें डराने-धमकाने का प्रयास किया. यह घटना न केवल प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है. बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है. डॉ अमित आर्या ने बताया कि जीवन ज्योति हॉस्पिटल में मिली खामियों को लेकर विस्तृत रिपोर्ट संबंधित विभाग को सौंप दी गई है. इसमें अस्पताल पर कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है. ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही न दोहराई जा सके. स्थानीय लोगों ने बताया कि यह अस्पताल वर्षों से बिना किसी निगरानी के संचालित हो रहा था. न तो इलाज की कोई ठोस व्यवस्था थी और न ही स्वच्छता का कोई मानक पालन किया जा रहा था. लोगों ने स्वास्थ्य विभाग से अस्पताल को बंद करने और संचालक के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की मांग की है.

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