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स्वीकृत पदों से आधे शिक्षक व आधे कर्मियों के सहारे रेंग रहा डीएस कॉलेज का बीएड विभाग

स्वीकृत पदों से आधे शिक्षक व आधे कर्मियों के सहारे रेंग रहा डीएस कॉलेज का बीएड विभाग

– कमी डीएस कॉलेज बीएड के छात्र पठन-पाठन को हो रहे परेशान, जिम्मेवार पदाधिकारी बने हैं बेपरवाह, दो यूनिट के लिए एचओडी समेत 16 शिक्षकों की आवश्यकता – सात कर्मचारी में महज चार से लिया जा रहा कार्य,विश्वविद्यालय प्रशासन को नहीं है ध्यान कटिहार पूर्णिया विवि का जिले में एकमात्र अंगीभूत इकाई डीएस कॉलेज में संचालित बीएड विभाग स्वीकृत पदों से आधे शिक्षक व आधे कर्मचारियाें के सहारे रेंग रहा है. समुचित पठन पाठन के अभाव में नामांकित प्रशिक्षु शिक्षक व शिक्षिकाएं अपने आपको ठगे महसूस कर रहे हैं. एक एचओडी समेत 16 शिक्षकों में महज आठ शिक्षकों के रहने के कारण पठन पाठन को लेकर ये लोग परेशान हैं. जबकि सात में महज चार कर्मचारियों के रह जाने की वजह से तकनिशियन को विभाग का प्रधान सहायक बनाकर कार्य निबटाया जा रहा है. ऐसा कई बीएड प्रशिक्षु शिक्षक व शिक्षिकाओं का भी कहना है. उनलोगों का कहना है कि अंगीभूत इकाई डीएस कॉलेज में एकमात्र बीएड की पढाई 2017 में शुरूआत की गयी थी. विभाग में सीटों की संख्या दाे यूनिट होने के कारण हर साल एक सौ छात्र छात्राओं का नामांकन होता है. दो यूनिट पर एचओडी समेत 16 शिक्षक व शिक्षिकाओं का होना नितांत आवश्यक है. टीआरई वन, टू व थ्री में कई शिक्षक दूसरे जगहों पर नियुक्त हो गये. बीएड विभाग में अब एचओडी समेत आठ से नौ शिक्षक रह गये हैं. इसमें भी एक शिक्षिका का दूसरे विवि में नियुक्ति हो गयी है. यह सिलसिला करीब दो तीन साल से है. जिसक नतीजा है कि सम्बंधित विभाग के शिक्षक नहीं रहने के कारण छात्र परेशान हैं. कर्मचारियाें में सात के जगह महज चार से कार्य लिया जा रहा है. स्थिति इस तरह हो गयी है कि तकनीशियन में बहाल कमी को प्रधान सहायक बना दिया गया है. जिसका नतीजा है कार्य में देरी होती है, विभाग इसी तरह से चलता रहा तो वह दूर नहीं जब नहीं बीएड विभाग पर सवाल खड़ा हो जाये. इसकी सारी जिम्मेवारी आलाधिकारियों की होगी. इससे भी नकारा नहीं जा सकता है. पुस्तक के लिए भी छात्र हो रहे परेशान बीएड विभाग का पुस्तकालय अक्सर बंद रहने का खामियाजा भी उनलोगों को भुगतना पड़ रहा है. कई प्रशिक्षु शिक्षक व शिक्षिकाओं का कहना है कि बीएड का पुस्तकालय बंद रहने के कारण उनलोगों को पुस्तकों की लेनदेन में काफी परेशान होना पड़ता है. कभी इस काउंटर तो कभी उस काउंटर का चक्कर लगाना आम है. उनलोगों ने बताया कि पुस्तकालय के नाम पर नामांकन के समय दस हजार रूपये ले लिया जाता है. लेकिन सुविधा नहीं के बराबर मिलने के कारण उनलोगों को परीक्षा को लेकर हर हमेशा डर बना रहता है. विवि को कराया गया है अवगत डीएस कॉलेज बीएड विभाग में शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की भारी कमी है. शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की कमी को लेकर पूर्व में विवि को अवगत कराया गया है. इधर भी विवि पूर्णिया प्रशासन को लिखित शिक्षक व कर्मचारियों की कमी से अवगत कराया गया है. डॉ संजय कुमार सिंह, प्राचार्य, डीएस कॉलेज विज्ञापन निकालकर भरी जायेगी रिक्ति डीएस कॉलेज बीएड विभाग में शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की भारी कमी है., इससे पूर्व दो बार विज्ञान निकालकर नियुक्ति के लिए प्रयास किया गया. नये कुलपति को इससे अवगत कराया जायेगा. शीघ्र ही विज्ञापन निकालकर खाली विभाग के शिक्षकों की नियुक्ति कराने की ओर बल दिया जायेगा. डॉ अनन्त प्रसाद गुप्ता, कुलसचिव, पीयू

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