कुरसेला एक बार फिर गंगा, कोसी नदियों में उफान बढ़ गया है. नदियों का बाढ़ निचले भूभाग में फैलाव कर रहा है. बाढ़ ने क्षेत्र में आपदा संकट को बढ़ा दिया है. उस पर बारिश के जारी रहने से स्थितियां विकट हो रही है. कोसी का जलस्तर खतरा निशान के करीब पहुंच गयी है. नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश के अधिक होने से कोसी नदी जलस्तर उफान की ओर है. अगामी चौबीस घंटे में नदी के जलस्तर में दस सेमी से अधिक की वृद्वि हो सकती है. गंगा का जलस्तर में वृद्धि जारी है. नदियों के सैलाव बढ़ने से बाढ़ के पानी का निरंतर फैलाव होने लगा है. तटीय क्षेत्रों के गांव बाढ़ से घिरता जा रहा है. प्रखंड क्षेत्र के पत्थल टोला, शेरमारी, चांयटोला, कटरिया, खेरिया, तीनघरिया, बालू टोला, बसुहार मजदिया, कमला कान्ही, गुमटी टोला, रामपुर ग्वालटोली, कुरसेला बस्ती, बाघमारा, पचखुटी, मलेनिया मिर्जापुर आदि गांव बाढ़ से घिरता जा रहा है. गांवों के बाढ़ से घिरने से जान माल सुरक्षा को लेकर आमजनों की चिंता बढ़ गयी है. नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी रहने से गांवों में बाढ़ के प्रवेश करने का खतरा निरंतर बढ़ता जा रहा है. एनएच 31से बाघमारा पचखुटी को जोड़ने वाले सड़क पर बाढ़ का पानी चढ़ने से आवागमन ठप है. इन गांवों की आबादी का हाट बाजार प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भंग बना हुआ है. गांव के ग्रामीणों का नाव आवागमन का साधन बना हुआ है. इसी तरह बल्थी महेशपुर से मेहर टोला को जोड़ने वाले सड़क के बाढ़ में डुबने से दोनों गांवों का इस रास्ते आवागमन बाधित हो गया है. मधेली के बारह नम्बर ठोकर पर गंगा नदी का दबाव बढ़ गया है. आशंका जतायी जा रही है कि बाढ़ की स्थिति आगामी दो तीन दिनों में अधिक गम्भीर हो सकती है. पशुपालक बाढ़ संकट को लेकर ऊंचे स्थानों पर शरण लेने के जुगत में लग गये है.
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