कटिहार जिले के फलका प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय दक्षिण अमोल में मिड-डे मील में बुधवार को मरी हुई छिपकली भोजन करते समय बच्चों की थाली में मिली थी. जिसे खाने से कुछ बच्चे बीमार पड़ गये. इसके विरोध गुरुवार को आक्रोशित छात्र-छात्राएं और उनके परिजनों ने विद्यालय में जमकर हो हंगामा किया और सड़क जाम कर प्रदर्शन किया.
बिगड़ी छात्रों की तबीयत तो भेजे गए अस्पताल
ग्रामीणों ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. जानकारी के मुताबिक, मिड-डे मील में छिपकली पाए जाने के बाद कई बच्चों ने उल्टी करना शुरू कर दिया. एक छात्र की तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. छात्र की परिजन आशा देवी ने बताया कि गिरगिट वाला खाना खाने के बाद उनके पोती को लगातार छह से सात बार उल्टियां हुईं, जिसके बाद आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाना पड़ा.

पुलिस ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की
मौके पर हतवारा पंचायत की मुखिया भारती कुमारी पहुंचीं और हालात का जायज़ा लिया. फालका पुलिस ने भी मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाने-बुझाने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण प्रधानाध्यापक का तबादला करने की मांग पर अड़े रहे.

ग्रामीणों का आरोप…
ग्रामीणों का आरोप है कि विद्यालय में न तो गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा दी जाती है और न ही शिक्षक बच्चों पर ध्यान देते हैं. सभी शिक्षक मोबाइल में व्यस्त रहते हैं और विद्यार्थियों की पढ़ाई पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जाता.
प्रधानाध्यापिका ने कहा…
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका साविता देवी ने भी मामले की गंभीरता को स्वीकारते हुए कहा कि “हमें भी इस घटना की जानकारी मिली है. यह कहीं न कहीं शिक्षकों की लापरवाही का नतीजा है कि बिना जांच के ऐसा भोजन परोसा गया. हम इसकी पूरी जांच करेंगे.
ग्रामीणों ने दी चेतावनी
घटना की जानकारी मिलने पर जिला परिषद प्रतिनिधि मनोज मंडल भी विद्यालय पहुंचे और सभी ग्रामीणों की बातें सुनीं. उन्होंने आश्वासन दिया कि शिक्षा विभाग से संपर्क कर दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो वे उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे.