करीब 30 लाख रुपये की लागत से बनाये गये हैं दो नाले बरारी नगर पंचायत के वार्ड 10 जो मुख्यालय का वार्ड में है. 30 लाख से दो नाले का निर्माण जंजाल साबित हो रह है. नाले का निर्माण कर ढक्कन भी लगा दिया गया लेकिन नाला का पानी कहां जायेगा, इसका निकास ही निकाल गया. जिसके कारण वर्षों से जल निकासी की समस्या और भी भयावह हो गयी है. वार्ड 10 मुहल्ले में करीब 22 लाख की लागत से नगर पंचायत मद से नाला निर्माण एक वर्ष पूर्व कराया गया था. पुनः विगत तीन महीना पूर्व विधायक मद से करीब 14 लाख की राशि से इसी वार्ड 10 में नाला निर्माण किया गया. दोनों नाला को जोड़ दिया गया. दोनों नालों का ऊपरी निकास नहीं है. दोनों नालों का निर्माण बिना ऊपरी निकास के कई सवाल खड़े करती है. उप मुख्य पार्षद अमन कुमार ने इस मामले में नगर पंचायत कार्यालय और ठेकेदार की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि नाले का निर्माण नियमों को ताक पर रखकर किया. नगर पालिका अधिनियम के अनुसार किसी भी नाले का निर्माण तभी किया जाना चाहिए. जब उसका समुचित आउटफॉल सुनिश्चित हो. लेकिन इस प्रोजेक्ट में इस मूल शर्त की पूरी तरह से अनदेखी की गयी है. वार्ड पार्षद व संवेदक पर भी गंभीर आरोप उप मुख्य पार्षद ने वार्ड 10 के पार्षद दीपक कुमार पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती. टेंडर उनके परिवार के सदस्य या करीबी ने ही गिराया. फिर मनमाने तरीके से निर्माण कार्य कर राशि उठा ली गयी. आउट फॉल नहीं है. विधायक मद से दूसरे नाले का भी निर्माण वार्ड पार्षद ने कराया. बिना आउटफॉल के नाले में साल भर पानी जमा रहता है. दोनों ओर के घरों की दीवारों में सीलन और स्लैब गिरने की घटनाएं सामने आ रही हैं. लोग बार-बार कार्यपालक पदाधिकारी से शिकायत कर चुके हैं लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. नाले की अंतिम 50 फीट की गहराई करीब 6 से 7 फीट कर दी गई है. अगर इसी प्रकार जलजमाव रहा तो नाला क्षतिग्रस्त हो जायेगी. चूंकि नाला मध्य में बना हुआ है. वार्ड वासी नाले के ऊपर से ही बाइक लेकर गुजरते है. स्कूली बच्चों की छोटी गाड़ी भी इसी नाले की ऊपर से गुजरती है. उपमुख्य पार्षद ने बताया कि नगर पंचायत मद से नाला निर्माण अरुण साह के घर से होना था. वहां निर्माण नहीं कराया गया. राशि उठाव कर ली गयी. फिर बाद में दूसरी योजना में विधायक मद से अरुण साह के घर तक नाला निर्माण कार्य कराया गया. यह जांच का विषय है. उपमुख्य पार्षद ने बताया कि नाला निर्माण के समय मेरे द्वारा आउटफॉल को लेकर संवेदक को बार- बार कहा गया. संवेदक ने कहा कि नाला निर्माण के बाद आउटफॉल का कार्य कर दिया जायेगा. पर निर्माण के बाद संवेदक ने आउटफॉल पर पल्ला झाड़ लिया. डीएम से कार्रवाई की मांग उपमुख्य पार्षद सह भाजयुमो प्रदेश मंत्री अमन कुमार ने जिला पदाधिकारी से मामले में हस्तक्षेप कर ऊपरी निकासी सहित दोषी संवेदक को ब्लैकलिस्ट करने और भुगतान की गयी राशि की रिकवरी करने की मांग की है. उन्होंने यह भी कहा कि कार्यालय के जिम्मेदार अधिकारियों पर भी जवाबदेही तय की जानी चाहिए. वार्ड के नागरिकों को घोर परेशानी उठानी पड़ रही है.
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