समेली प्रखंड के उच्च माध्यमिक विद्यालय डुमर में प्रखंड के सभी मध्य, उत्क्रमित, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय के विज्ञान शिक्षकों का एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया. कार्यशाला का सुभारंभ बीडीओ सत्येंद्र सिंह, डुमर के प्रधानाध्यापक चंद्रशेखर आचार्य, लेखापाल बिनोद कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से दीपप्रज्वलित कर किया. कार्यशाला में शिक्षकों को इंस्पायर अवार्ड से संबंधित प्रशिक्षण दिया. प्रशिक्षण की शुरुआत नोडल शिक्षक मृत्युजयम् के संबोधन से हुआ. मुख्य प्रशिक्षक संतोष कुमार ने कहा कि इंस्पायर अवार्ड प्रतियोगिता भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है. विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार की देखरेख में आयोजित होती है. इस प्रतियोगिता में वर्ग 06-10 तक के बच्चे भाग लेते हैं. अपने नवाचारी प्रोजेक्ट के द्वारा अपनी प्रस्तुति देते हैं. पूरे देश से कुल एक लाख बच्चों का का चयन स्कूल स्तर पर किया जाता है. जिला स्तर पर 10 हजार, राज्य स्तर पर एक हजार और राष्ट्रीय स्तर पर 60 बच्चों का चयन होता है. उन्होंने नवाचारी प्रोजेक्ट बनाने के तरीकों पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रोजेक्ट मौलिकता पर आधारित हो. नवप्रवर्तन का समावेश हो. सतत विकास से संबंधित हो, वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हो, पर्यावरण के अनुकूल हो, सामाजिक उपयोगिता पर आधारित हो तथा नैतिकता की कसौटी पर खड़ा उतरना चाहिए. प्रोजेक्ट बनाने के लिए प्रत्येक चयनित बच्चों के खाता में 10 हजार रुपये की राशि भेजी जाती है. प्रशिक्षण में प्रोजेक्ट निर्माण की विधि, बच्चों के बीच विज्ञान को रुचिकर बनाने के कई बिदुओं पर चर्चा हुई. विभिन्न विज्ञानी गतिविधियों और पूर्व में राष्ट्रीय स्तर पर चयनित प्रोजेक्ट का उदाहरण के माध्यम से प्रोजेक्ट की विस्तृत जानकारी दी गयी. प्रशिक्षक के रूप में रोहन कुमार, संध्या कुमारी, आदिति स्वाति उपस्थित रहे.
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