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राष्ट्रीय भावना व सामाजिक सुधार के लिये प्रेरणास्रोत है प्रेमचंद की रचनाएं

राष्ट्रीय भावना व सामाजिक सुधार के लिये प्रेरणास्रोत है प्रेमचंद की रचनाएं

कटिहार अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा जिला शाखा कटिहार के कार्यालय में गुरुवार को जिला अध्यक्ष अरविंद पटेल की अध्यक्षता में मुंशी प्रेमचंद की 145वीं जयंती का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में अपर लोक अभियोजक विनोद कुमार ने कहा कि प्रेमचन्द्र का साहित्य राष्ट्रीय भावना एवं सामाजिक सुधार के लिये प्रेरणाश्रोत है. इनका साहित्य अपने समय के राजनीतिक परिस्थितियों का दर्पण है. इनका उपान्यास कालजयी है. इनकी पहली कहानी संसार का सबसे अनमोल रत्न 1901 में छपी थी. स्वदेश प्रेम की भावनाओ हे भरा इनका प्रथम कहानी संग्रह साजे वतन 1907 में प्रकाशित हुआ था. जिसे ब्रिटिश हुकुमत ने।जब्त कर लिया था. निर्मला, प्रतिज्ञा, सेवासदन, प्रेमाश्रय, रंगभूमि, कर्मभूमि, गोदान, गबन कायाकल्प, मानसरोवर इनके प्रमुख उपान्यास है.वरीय अधिवक्ता राजेन्द्र मिश्र, श्यामदेव राय, राम विलाश पासवान, जदयू के नेता रमाकान्त राय, दिलीप कुमार आदि ने विचार प्रकट किये.

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