शिक्षकों व कर्मियों के वेतन भुगतान से आधा मिसलेनियस पर की गयी खुलकर राशि खर्च – कुलपति की ओर से मांगी गयी विवरणी के बाद सामने आया मामला – अब भी चार करोड़ से अधिक है बीएड विभाग में जमा राशि – शिक्षकों की वेतन वृद्धि की मांग पर नहीं दिया जा रहा ध्यान कटिहार जिले का एकमात्र अंगीभूत इकाई डीएस कॉलेज में बीएड विभाग 2017 से कार्य कर रहा है. स्वायत संस्थान होने के कारण बीएड में नामांकित छात्र-छात्राओं के नामांकन शुल्क से शिक्षक व कर्मचारियों का वेतन भुगतान होता है. बीएड विभाग के शिक्षकों द्वारा विवि से वेतन वृद्धि को लेकर बार- बार पत्राचार से लेकर आंदोलन करने के बाद भी करीब दो वर्ष पूर्व आंशिक रूप से वेतन वृद्धि की गयी. हर वर्ष बीएड विभाग में एक सौ छात्र- छात्राओं के नामांकन मद में डेढ़ लाख की राशि शुल्क के रूप में ली जाती है. शिक्षक व कर्मचारियों के वेतन भुगतान के बाद मोटी राशि जमा रहती है. यही कारण है कि डीएस कॉलेज के प्राचार्यों की वषों से बीएड विभाग में जमा राशि पर ललचायी नजर रहती है. ऐसा बीएड विभाग के कई शिक्षकों व कर्मचारियों का भी मानना है. शिक्षक व कर्मचारियों के वेतन के आधा हर वर्ष केवल मिसलेनियस के रूप में खर्च की जाती है. यह आंकड़ा पीयू के कुलपति द्वारा मांगी गयी चार बिन्दुओं पर विवरणी देने के बाद सामने आया है. विवि भेजी गयी विवरणी का एक पत्र वायरल हो रहा है. वायरल पत्र की पुष्टी प्रभात खबर नहीं करता है. 2017 से लेकर अब तक वर्षवार भेजी गयी पत्र में 2017 में शिक्षक, कर्मचारियों की वेतन के रूप में 1782002 खर्च किया गया जबकि मिसलेनियस के रूप में 592066 खर्च किये गये जबकि फंड में 2923863 रुपया जमा दिखाया. उक्त सत्र में एक सौ छात्र- छात्राओं से एक लाख नामांकन मद में ली गई थी. 2018 में 73 छात्र- छात्राओं के नामांकन मद में डेढ लाख प्रति छात्र शुल्क लिया गया. 4782483 शिक्षक, कर्मचारियों के वेतन मद व 1373629 मिसलेनियस मद में राशि खर्च की गयी. 8196577 जमा दिखायी गयी है. 2019 में 93 छात्र- छात्राओं के नामांकन के रूप में प्रति छात्र डेढ़ लाख शुल्क लिये जाने के बाद 4061399 मेन पावर और एकेडिक के रूप में खर्च किया गया. जबकि मिसलेनियस के रूप में 1876016 एवं जमा 14647965 जमा दिखाया गया. 2020 में शिक्षक व कर्मचारियों के वेतन मद में 6730521 खर्च किया गया. मिसलेनियस के रूप में 1288752 खर्च दिखाया गया. जमा राशि के रूप में 13826744 दिखाया गया. 2021 में एक सौ छात्र छात्राओं का नामांकन हुआ. शुल्क के आधार पर शिक्षक व कर्मचारियों के वेतन मद में 6718184 व मिसलेनियस खर्च के रूप में 806297 दिखाया गया. जमा राशि 28446849 दिखाया गया है. 2022 में 92 छात्र छात्राओं के नामांकन शुल्क के आधार पर शिक्षक व कर्मचारियों के वेतन मद में 7790141 व मिसलेनिस के रूप में 619203 खर्च किया गया. जबकि जमा 35206882 दिखाया गया है. 2023 में एक सौ छात्र छात्राओं के नामांकन शुल्क के आधार पर वेतन मद में 7558766 रूपये खर्च व मिसलेनियस के रूप में 503801 दिखाया गया है. जमा राशि 41127570 रूपये दिखाये गये हैं. 2024 में एक सौ छात्र-छात्राओं के नामांकन शुल्क के आधार पर वेतन के लिए 6167453 व मिसलेनियस के रूप में 1445118 रूपये खर्च दिखाया गया. जबकि जमा राशि 48898239 दिखाया गया है. इसी तरह 2025 में नामांकन संचालित है. इस सत्र में वेतन व एकेडमिक सत्र के लिए 1447903 रूपये दिखाया गया. जबकि अब तक मिसलेनियस के रूप में 101253 दिखाया गया है. अब तक चार करोड़ 73 लाख 49 हजार 83 रूपये जमा दिखाया गया है. कई शिक्षकों की माने तो बीएड विभाग में अधिक राशि जमा होने के बाद भी उनलोगों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. अब तक जितने भी प्राचार्य आये अपने हिसाब से बीएड विभाग को संचालन की कोशिश करते रहे. मामले में डीएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ संजय कुमार सिंह का कहना है कि पीयू कुलपति द्वारा सभी चार तरह की विवरणी मांगी गयी थी. जिसे उपलब्ध करा दिया गया है.
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