– 2020-2024 के बीच पांच शिक्षक डीएस कॉलेज बीएड से कर चुके हैं पलायन – 2025 में एक शिक्षिका का एनसीईआरटी में हुआ चयन, जाने की कर रहे तैयारी – 15 शिक्षकों में नौ रह गए बीएड विभाग में वर्तमान समय में कटिहार डीएस कॉलेज में बीएड विभाग 2017 से संचालित है. स्ववित पोषित होने के कारण प्रतिवर्ष छात्र-छात्राओं के नामांकन शुल्क से बीएड शिक्षकों का वेतन भुगतान होता है. वेतन वृद्धि के नाम पर शिक्षकों की पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं है. 2018 में पटना हाई कोर्ट वाद संख्या 10534-17 के आदेश पर पाठ्यक्रम शुल्क डेढ़ लाख निर्धारित कर शिक्षकों के लिए ग्रेड पे सहित वेतन संरचना निर्धारित कर दी गयी है. इसी अनुरूप 2018 से छात्र-छात्राओं से पाठ्यक्रम शुल्क के रूप में डेढ लाख रूपया लिया जा रहा है. लेकिन शिक्षकों को मनमाने तरीके से अत्यंत कम वेतन दिया जा रहा है. जिस कारण धीरे-धीरे शिक्षक पलायन को मजबूर हो रहे हैं. बीएड के शिक्षकों को अनुभव प्रमाण पत्र के लिए एक निर्धारित प्रारूप में अनुभव प्रमाण पत्र दिया जा रहा है. जो केन्द्रीय विवि या बिहार राज्य से बाहर अन्य विवि में मान्य नहीं है. राज्य के दूसरे विवि के बीएड कॉलेज में उच्च न्यायालय पटना के निर्धारित मानक अनुरूप वेतन का भुगतान किया जा रहा है. वेतन वृद्धि के आस में डीएस कॉलेज बीएड से हर वर्ष शिक्षकों की संख्या में कमी हो रही है. 15 शिक्षकाें में अब महज 9 शिक्षक रह गये हैं. जिसके कारण पठन पाठन पर असर पड़ रहा है. ऐसा बीएड के शिक्षक, कर्मचारी से लेकर नामांकित छात्र-छात्राओं का कहना है. नौ शिक्षकों में एक शिक्षिका का एनसीईआरटी में चयन हो गया है. जिसको लेकर अब उनका भी बीएड विभाग ये जाना तय माना जा रहाहै. डीएस कॉलेज बीएड विभाग की ओर से पीयू को भेजी गयी शिक्षकों की सूची पर गौर करें तो पिछले 2020 से 2024 तक पांच शिक्षक बीएड विभाग से पलायन कर चुके हैं. 2017 से 2019 तक आठ बीएड विभाग में आठ शिक्षक पूर्णिया विवि को डीएस कॉलेज बीएड विभाग की ओर से 26 जून को भेजी गयी सूची में 2017 में एक सौ छात्रों पर आठ, 2018 में 73 नामांकित छात्रों पर आठ एवं 2019 में 93 छात्रों के नामांकन पर आठ शिक्षकों की संख्या थी. इस दौरान एक भी शिक्षक पलायन नहीं किये. लेकिन 2020 से 2024 तक पांच शिक्षक डीएस कॉलेज बीएड से अलग-अलग सत्रों में पलायन कर गये. कॉलेज प्रशासन द्वारा उन्हें विरमित कर दिया गया. 2020 में एक सौ छात्रों के नामांकन में 15 शिक्षक थे. जिसमें से एक शिक्षक को 23 नवम्बर 2020 को विरमित कर दिया गया. 2021 में एक सौ छात्र छात्राओं के नामांकन हुआ. जिसके लिए 14 शिक्षकों की संख्या दर्शायी गयी. 2022 में 92 छात्र- छात्राओं का नामांकन हुआ. इस वर्ष भी एक शिक्षक को एक अक्तूबर 2022 को दूसरे जगह के लिए विरमित किया गया. 2023 में एक सौ छात्र छात्राओं का नामांकन हुआ. जिसमें 13 शिक्षकों की संख्या दर्शायी गयी. 2024 में एक सौ छात्र छात्राओं का नामांकन हुआ. लेकिन इस वर्ष तीन शिक्षकों को दूसरे जगह के लिए विरमित किया गया. 08, 12 और 17 फरवरी को तीनों को विरमित दिखा गया. 10 फरवरी 2024 को एक ननटीचिंग को भी विरमित किया गया. डीएस कॉलेज बीएड विभाग में शिक्षकों की भारी कमी की वजह से बीएड कॉलेज प्रशासन को जहां कॉलेज संचालित होने में पसिना छूट रहा है. दूसरी ओर पठन पाठन प्रभावित हो रहा. इससे नकारा नहीं जा सकता है. बीएड में नियुक्ति को लेकर जारी किया जायेगा विज्ञापन डीएस कॉलेज बीएड विभाग से विवि प्रशासन की ओर से सारा विवरणी की मांग की गयी है. बीएड कॉलेज में शिक्षकों की कमी को देखते हुए नियुक्ति नितांत आवश्यक हो गयी है. बीएड की मान्यता को बचाने के लिए हर हाल में नियुक्ति जरूरी है. इसको ध्यान में रखते हुए पीयू प्रशासन की ओर से सभी तरह की विवरणी की मांग की गयी है. डॉ अनन्त प्रसाद गुप्ता, रजिस्टार, पीयू
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