कुरसेला मानसून आगमन बाद गंगा, कोसी नदियों में उफान बढ़ गया है. नदियों में जलस्तर वृद्वि से इनके प्रवाह के दायरा में इजाफा हो गया है. प्रवाह दायरा बढ़ने से नदियां तटीय क्षेत्रों में विस्तार करती जा रही है. कोसी, गंगा के जलस्तर में उफान से बाढ़ खतरा की आशंका बढ़ने लगा है. बाढ़ के संभावित खतरा के साथ नदियों ने पत्थल टोला से लेकर तीनघरिया, खेरिया, मलेनियां, बसुहार, मजदिया, कमलाकान्ही, गुमटीटोला के तटीय भूभाग में कटाव का रुख अख्तियार कर लिया है. कटाव खतरे के बढ़ते संभावना से संबंधित गांवों के लोग भय से सहमे हुए है. खेरिया गांव के समीप नदी का प्रवाह लगभग सौ मीटर की दूरी पर आ गया है. कटाव के विकट हालातों के लिए गांव के काली स्थान के समीप संबंधित विभाग द्वारा जिओ बैग को जमा कर रखा गया है. तटीय क्षेत्र में नदियों में कटाव का खतरा विषम नहीं हुआ है. आने वाले दिनों में नदियों के जलस्तर वृद्वि से कटाव प्रकोप बढ़ने की सम्भावना है. गंगा नदी का प्रवाह दायरा बढ़ने से दियारा से आवागमन करने वालों की परेशानी बढ़ गयी है. नाव से गंगा पार कर गोबराही, जरलाही, बटेशपुर दियारा आवागमन करने में घंटों समय लगने लगा है. प्रवाह तेज होने से गंगा नदी पार करने का जोखिम बढ़ गया है. बरसात से मौसमी नदियों में पानी का फैलाव बढ़ रहा है. गोबराही दियारा के ग्रामीणो का कहना है कि बरसात और नदियों में जलस्तर वृद्वि से मौसमी नदियों जलाशयों में पानी आने से घाट से सीधे गोबराही तक पांव पैदल पहुंच पाना कठिन हो गया है. उधर कोसी नदी में उफान बने रहने से आने वाले दिनों में मौसमी नदियों का श्रोत मुख्य नदियों से जुड़ सकता है. मानसून आगमन के साथ क्षेत्र बाढ़ खतरा का सम्भावना बढ़ गया है.
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