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एक सप्ताह में प्रखंडों में संचालित अल्ट्रासाउंड सेंटरों की होगी जांच

डीएम ने गठित किया धावा दल

कटिहार. प्रसव पूर्व निदान-तकनीक (विनियमन और दुरुपयोग निवारण), संशोधन अधिनियम 2002 अंतर्गत अल्ट्रासाउंड संस्थान संचालित करने के लिए संस्थान को निबंधित कराया जाना अनिवार्य है. बिना निबंधन के ऐसे संस्थान का संचालन अवैध व दंडनीय अपराध है. इसके उल्लंघन की स्थिति में गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्ण निदान-तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम 1994 के अध्याय सात में दंड का प्रावधान किया गया है. कटिहार जिला अन्तर्गत बड़ी संख्या में अवैध रूप से अल्ट्रासाउंड संस्थान संचालित किया जाने की सूचना विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हो रही है. ऐसे संस्थान मुख्य रूप से दो तरह से संचालित किये जा रहे हैं, जो अवैध संस्थान की श्रेणी में आते है. मसलन अर्हता प्राप्त चिकित्सक द्वारा समर्पित कागजातों के आधार पर निबंधन किया गया है, पर संबंधित चिकित्सक संस्थान में नही आते हैं और अन्य व्यक्ति के द्वारा अल्ट्रासाउंड का कार्य किया जाता है. जबकि दूसरी स्थिति में कई ऐसे संस्थान हैं, जो बिना निबंधन के संचालित हैं एवं बिना अर्हता प्राप्त चिकित्सक के यहां अल्ट्रासाउंड का कार्य किया जाता है. विभागीय निर्देश के आलोक में अल्ट्रासाउंड सेन्टर का धावा दल गठित कर जांच कराने एवं अवैध रूप से संचालित संस्थानों तथा उनके संचालकों पर पीसी एंड पीएनडीटी अधिनियम के अर्न्तगत कार्रवाई अपेक्षित है. इसलिए जिले में संचालित अल्ट्रासाउंड संस्थानों की जांच एवं कंडिका एक एवं दो में स्पष्ट किये गये संस्थानों को चिन्हित कर कार्रवाई करने के लिए अनुमंडलवार दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं चिकित्सा पदाधिकारी के संयुक्त धावा दल का गठन किया गया है. आदेश के अनुसार जिले के तीनों अनुमंडल में अलग अलग धावा दल गठित की गयी. धावा दल में अनुमंडल पदाधिकारी, संबंधित थाना के थाना अध्यक्ष व प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को शामिल किया गया है.

निर्धारित बिंदुओं पर होगी जांच

आदेश के अनुसार गठित धावा दल को निर्देश दिया गया है कि सम्बद्ध प्रखंड अन्तर्गत अवस्थित अल्ट्रासाउंड संस्थानों का औचक निरीक्षण करते हुए एनेक्सर एक एवं दो के रूप में संलग्न प्रपत्र के अनुसार जांच कर सुनिश्चित करेंगे कि उक्त संस्थान का संचालन निर्धारित मापदंड के अनुसार हो रहा है अथवा नहीं. साथ ही जांच के दौरान निर्धारित व निर्दिष्ट बिन्दुओं का तथ्यात्मक जांच अवश्य करेंगे. जांच के क्रम में अनियमित एवं निर्धारित मापदंड के अनुरूप संचालित नहीं किये जाने वाले संस्थानों पर विधि- सम्मत् कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे. साथ ही जांच के बाद की गयी कार्रवाई का प्रतिवेदन स्पष्ट मंतव्य सहित उपलब्ध करायेंगे. आदेश में कहा गया है कि जांच व निरीक्षण आपसी समन्वय से एक सप्ताह के अंदर तिथि निर्धारित कर संयुक्त रूप से किया जायेगा एवं जांच प्रतिवेदन सिविल सर्जन को उपलब्ध कराते हुए इसकी एक प्रति जिलाधिकारी के अवलोकनार्थ भेजना सुनिश्चित करेंगे. इसके साथ ही भविष्य में अल्ट्रासाउंड संस्थानों के अवैध संचालन पर अंकुश लगाने यही धावा दल प्राधिकृत रहेंगे, जो समय-समय पर क्षेत्रान्तर्गत अवस्थित संस्थानों की जांच कर आवश्यक अग्रेतर कार्रवाई करेंगे.

नये आवेदन की जांच करेंगे धावा दल

डीएम की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि पीसी एंड पीएनडीटी अधिनियम के आलोक में धावा दल द्वारा प्रस्तुत परिवाद पत्र न्यायालय में दाखिल करने के लिए नोडल पदाधिकारी सह सिविल सर्जन को प्राधिकृत किया गया है एवं उन्हें निर्देश दिया गया है कि धावा दल से प्राप्त परिवाद पत्र न्यायालय में दाखिल करना सुनिश्चित करेंगे. डीएम की ओर से सिविल सर्जन भी निर्देश दिया गया है कि नये अल्ट्रसाउण्ड संस्थान खोलने के निमित निबंधन को लेकर प्राप्त आवेदनों के आलोक में गठित धावा दल के माध्यम से निर्धारित मापदंड की जांच कराना सुनिश्चित करेंगे. धावा दल के जांच प्रतिवेदन के साथ संबंधित संस्थानों के निबंधन के लिए संचिका उपस्थापित करना सुनिश्चित करेंगे. संबंधित थानाध्यक्ष अपने थाना से जांच के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल की प्रतिनियुक्ति करते हुए धावा दल में सम्मिलित करेंगे एवं जांच के दौरान सुरक्षा बल के साथ जायेंगे. साथ ही जांच की कार्रवाई एवं निर्धारित तिथि के संबंध में गोपनीयता बरती जाये.

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