शहर में सजने लगी राखी की दुकानें
गोगरी. भाई-बहनों के नेह के बंधन का त्योहार इस बार नौ अगस्त को मनाया जायेगा. इस साल का रक्षा बंधन कई मायनों में खास होगा. इस बार तमाम उत्तम संयोग बन रहे हैं. 29 साल बाद समसप्तक योग बन रहा है. गोगरी के भोजुआ निवासी प्रकांड ज्योतिषाचार्य डॉक्टर शुभम सावर्ण ने बताया कि मकर राशि के स्वामी शनि और सूर्य आपस में समसप्तक योग बना रहे हैं. 29 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है कि रक्षाबंधन पर शनि मीन और सूर्य कर्क राशि पर रहेंगे. इस पर्व पर आयुष्मान, स्थिर, सौभाग्य, बुधादित्य, हर्ष विपरीत राज, शकट, पाराशरी राज, विमल विपरीत राज और धन योग बन रहे हैं, जो काफी फलदायी हैं. इसके साथ ही सात साल बाद ऐसा हो रहा है कि रक्षाबंधन पर भद्रा का प्रभाव नहीं रहेगा. बहनें दिन भर भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकेंगी. इसके अलावा विशिष्ट मुहूर्त और 10 फलदायी योग भी बन रहे हैं. डॉक्टर सावर्ण ने बताया कि भद्रा का उदय सावन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि यानी आठ अगस्त को 1:41 बजे से होगा जो कि रात 1:32 बजे तक रहेगा. जबकि पूर्णिमा तिथि आठ अगस्त को दिन में 1:42 से अगले दिन नौ अगस्त को दिन में 1:23 बजे तक रहेगी. ऐसे में रक्षाबंधन का पर्व उदया तिथि यानी नौ अगस्त को मनाया जायेगा. इस दिन भद्रा का प्रभाव नहीं रहेगा. वहीं, कई साल बाद पंचक भी रक्षाबंधन पर बाधक नहीं बनेगा. रक्षाबंधन पर किसी भी मुहूर्त में पंचक का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. वर्षों बाद ऐसा शुभ संयोग आया है, जब रक्षाबंधन और श्रावणी उपाकर्म के दिन भद्रा और पंचक का प्रभाव नहीं पड़ेगा.राखी बांधने का ये है शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5.29 से 6.05 बजे तक, सर्वोत्तम मुहूर्त सुबह 6.06 से 8:20 बजे, विजय मुहूर्त सुबह 10:47 से मध्याह्न 11:58 बजे तक, अभिजीत मुहूर्त मध्याह्न 11.59 से दोपहर 12.53 बजे तक रहेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है