बेलदौर. नगर पंचायत को सुन्दर व स्वच्छ बनाए रखने को लेकर सुखा व गीला कचरा के लिए दी जाने डस्टबिन योजना धरातल पर उतरती नजर नहीं आ रही है. इसके कारण उक्त योजना के उपयोगिता पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो रहा है तो वहीं योजना की राशि के दुरूपयोग होने से लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है. इससे नगरवासियों में घोर नाराजगी पनप रही है. हालांकि अभी नगर पंचायत को तरल व सुखा कचरा प्रबंधन को लेकर डबल्युपीयू भी नहीं है, इसके लिए जमीन चिह्नित किए जाने की प्रक्रिया ही चल रही है, रविवार को छोड़ नपं के बाजार समेत ग्रामीण इलाके में साफ सफाई व घरेलू अपशिष्ट का कचरा एक साथ ट्रेक्टर से ढुलाई कर खुले जगहों पर फेंकी जा रही है. ऐसे में सुखा व गीला कचरा प्रबंधन के नाम पर योजनाओं का संचालन सिर्फ कागजी खानापूर्ति ही है. इस संबंध में नगर पंचायत बेलदौर के वार्ड 11 के ग्रामीण मोहम्मद जाकिर, बबलू झा,जवाहर तांती, दिप नारायण ठाकुर, संजय गुप्ता, बिहारी अग्रवाल, शंकर साह, गंगा सागर साह, पप्पू साह,प्रतोश साह, संजय अग्रवाल,छोटन तांती, पवन गुप्ता, श्याम देव साह, धनंजय साह, गुरुचरण साह समेत एक दर्जन से अधिक लोगों ने बताया कि हम लोगों को डस्टबिन नहीं दिया गया है. डस्टबिन के नाम पर पदाधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि मालामाल हो रहे हैं. सफाई के नाम पर मात्र स्वच्छता कर्मी रविवार छोड़ अन्य दिन झाड़ू लगाते हैं व ट्रैक्टर से कचरे की ढुलाई की जाती है,नगर पंचायत के सभी पक्का नाले दम तोड़ रही है, जिसके कारण बरसात में जलजमाव की संकट से जुझना पड़ता है व घर के अनुपयोगी पानी नाले की जगह सड़कों पर बहने लगती है. इससे नगर पंचायत के स्वच्छ व सुन्दर बनाने के दावे का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है. इस संबंध में नपं के कार्यपालक पदाधिकारी विनोद कुमार ने बताया कि वार्ड 12 को छोड़ अन्य सभी वार्ड में गीला व सुखा कचरा संग्रहण के लिए घर घर डस्टबिन वितरित करवाकर संबंधित वार्ड पार्षद से इसकी पुष्टि ले ली गई है, वही नगर पंचायत के सघन आबादी से जलनिकासी को लेकर नाले के निर्माण व पुराने नाले के जीर्णोद्धार के लिए योजनाएं प्रक्रियाधीन है.
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