कान के स्पेशलिस्ट चिकित्सक डॉ. विद्यानंद सिंह को मिला है टीबी सहित कई विभाग का कार्रभार
——-सात माह में 4492 लोगों का किया जांच, 1075 मरीज मिले टीबी संक्रमित——-वर्ष 2024 में 7691 लोगों की गई जांच, 1175 लोगों में पाया गया टीबी संक्रमितखगड़िया. जिले में संक्रमण बीमारी टीबी लोगों में तेजी फैल रहा है. वर्ष 2024 के अनुसार इस वर्ष टीबी मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का विषय है. सदर अस्पताल में टीबी स्पेशलिस्ट चिकित्सक ही नहीं है. कान स्पेशलिस्ट चिकित्सक डॉ. विद्यानंद सिंह संक्रमण बीमारी टीबी का इलाज कर रहे हैं. इसे कई विभाग का प्रभार सौंपा गया है. चिकित्सक टीबी मरीजों को पूरे दिन में आधे घंटे से भी कम समय दे पा रहे हैं. वो भी बीते एक सप्ताह से अस्वस्थ्य चल रहे हैं. ऐसे में टीबी मुक्त अभियान पर पानी फिरता नजर आ रहा है. मरीजों को समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है. तैनात टीबी असिस्टेंट के भरोसे लोगों का बलगम जांच व दवा दिया जा रहा है. बीते जनवरी 2025 से जून माह तक में 4492 लोगों का टीबी जांच किया गया. जिसमें 1075 लोग टीबी संक्रमित पाया गया. बताया जाता है कि प्रत्येक दिन औसतन 10 से 15 लोग टीबी बीमारी जांच के लिए आते हैं.सदर अस्पताल के अलावे पीएचसी व सीएचसी में भी होता है टीबी जांच व इलाज
सरकार कई बीमारियों के उन्मूलन के लिए अभियान चला रही है. जिसमें से टीबी भी एक गंभीर बीमारी में शामिल है. टीबी गंभीर बीमारी तो है, लेकिन, लाइलाज नहीं है. यदि समय से टीबी की पहचान कर इलाज नहीं की गयी, तो बीमारी से पीड़ित व्यक्ति की जान भी जा सकती है. यह ऐसी संक्रमित बीमारी है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलता है. वर्तमान में जिले में 1075 टीबी के मरीज चिह्नित हैं. जिसका इलाज चल रहा है. इसकी जांच व इलाज सदर अस्पताल, सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के अलावे अन्य केंद्रों पर भी जांच मशीन उपलब्ध करायी गयी है. जिससे जांच में तेजी लाया जा सके और अधिक से अधिक पीड़ितों की पहचान कर इलाज हो सके. टीबी संक्रमित मरीज जब खांसता, छींकता या बोलता है तो उसके थूक या बलगम में मौजूद बैक्टीरिया हवा में फैल जाता है. जिससे आस-पास के लोग संक्रमित हो सकते हैं.टीबी मरीज की भर्ती की नहीं है व्यवस्था, एक माह का एक ही बार दे दिया जाता दवा
सदर अस्पताल में टीबी मरीज भर्ती की व्यवस्था नहीं है. अगर, जांच में लोगों में टीबी संक्रमण पाया जाता है तो चिकित्सक द्वारा एक माह का दवा देकर घर भेज दिया जाता है. अगर, घर पर संक्रमित मरीज स्वच्छता पर ध्यान नहीं देते हैं, जहां-तहां थूकते हैं तो परिवार के अन्य सदस्यों को संक्रमित बीमारी टीबी फैल सकता है. बताया जाता है कि गंभीर स्थिति में मरीज को वार्ड में भर्ती कराया जाता है. लेकिन, टीबी के मरीज अक्सर दो से तीन दिनों तक ही भर्ती किये जाते हैं. फिर स्थिति में सुधार होने के बाद दवा व अन्य किट उपलब्ध कराकर मरीजों को घर भेज दिया जाता है. जिसका इलाज के दौरान समय-समय पर जांच कराना होता है.संक्रमित बीमारी टीबी का लक्षण
लगातार 2 से 3 सप्ताह से अधिक तक खांसी होनाखांसी के साथ खून आनाशाम को बुखार बढ़ना रात में पसीना आनावजन घटनाभूख कम लगनाकमजोरी और थकानछाती में दर्दसांस लेने में तकलीफडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है