बीते 16 मई की रात जानकीचक निवासी बाबूलाल यादव को बदमाशों ने मारी थी गोली …………. परबत्ता. थाना क्षेत्र के जानकीचक निवासी बाबूलाल यादव की हत्या मामले में चार लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है. पुलिस ने हत्या में शामिल दो बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है. अन्य नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है. मालूम हो हत्यारोपितों की गिरफ्तारी के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. उल्लेखनीय है कि बीते 16 मई की रात बदमाशों ने किसान गोली मारकर हत्या कर दिया था. हत्या बाद शनिवार को पुलिस ने मृतक के पुत्र प्रवीण कुमार के आवेदन पर चार नामजद व एक अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की. परबत्ता में थाना में कांड संख्या 73/25 दर्ज किया है. बताया जाता है कि घटना के तुरंत बाद नामजद आरोपित को पुलिस ने गोगरी थाना क्षेत्र के फुदकी चक पतरौन गांव निवासी कुसो यादव के पुत्र अमन कुमार को गिरफ्तार किया. जबकि बीती रात हत्यारोपित श्याम कुमार पिता छोटे सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया था. गिरफ्तार दोनों हत्यारोपितों से एसआईटी की टीम ने पूछताछ की. गोगरी डीएसपी त्रिलोक कुमार मिश्रा के नेतृत्व में गठित एसआईटी की टीम शनिवार को भी छापेमारी की.
पुत्र के सामने ही पिता को अपराधियों ने मारी थी गोली
मृतक बाबूलाल यादव के पुत्र प्रवीण कुमार ने बताया कि दिनांक 16 मई की रात को अपने छोटे भाई नवीन कुमार उर्फ गुलशन के साथ सिराजपुर दियारा स्थित अपने चाचा के बथान पर सोए हुए थे. पिताजी अपने बथान पर थे. रात में समय करीब 11:30 बजे मोटरसाइकिल की आवाज सुनकर हम दोनों भाई जगे. तो देखा की दो मोटरसाइकिल पर सवार चार लोग व एक अन्य अज्ञात पिताजी के पास पहुंचे. उन्हें हथियार का भय दिखाकर उठाया. फिर मचान से नीचे खींचकर जमीन पर पटक दिया. उसके बाद पांच की संख्या में आए बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दिया. घटना बाद सभी लोग मोटरसाइकिल पर सवार होकर पूर्व दिशा की ओर भाग गया. प्रवीण कुमार के मुताबिक खेत जोतने के दौरान मेड़ टूटने के चलते एक दिन पहले गुड्डू सिंह ने गाली गलौज किया था. जान से मार देने की धमकी दी थी. बताते चले कि गुड्डू सिंह एक पेशेवर अपराधी के तौर पर अपनी पहचान बना चुका है. करीब एक महीने पूर्व ही वह जेल से छूट कर बाहर आया था. अभी भी उस पर आधा दर्जन से अधिक आपराधिक मामला स्थानीय थाने में दर्ज है.बदहवास है पूरा परिवार
मृतक बाबूलाल यादव की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी. उनका अधिकतर समय दियारा में ही व्यतीत होता था. उनके पास दुधारू पशुओं की बड़ी संख्या थी. इसलिए दिन भर पशुओं की देखभाल एवं अन्य कृषि कार्यों में समय गुजर जाता था. पुत्र प्रवीण भी इस कार्य में उनका हाथ बंटाया करता था. प्रवीण ही गांव एवं घर आता जाता रहता था. ग्रामीण बताते हैं कि रोजाना पशुओं से करीब 50 किलो से अधिक का दूध उन्हें प्राप्त होता था. इसी से इनके पूरे परिवार का भरण पोषण होता था. बाबूलाल यादव की हत्या से पूरा परिवार गहरे सदमे में है.
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