अलौली. सदर प्रखंड के बरैय पंचायत स्थित मध्य विद्यालय, कौनियां के दो कमरों में चार सौ से अधिक बच्चे पढ़ाई करते हैं. इसके कारण बच्चों के साथ शिक्षकों को भी परेशानी होती है. बताया जाता है कि स्कूल में प्रथम वर्ग से अष्ठम वर्ग तक की पढ़ाई होती है. छात्रों को पढ़ने के लिए महज दो कमरे हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि स्कूल स्थापना से ही बुरे दौर से गुजर रहा है. भवन के अभाव में बच्चों को खुले व बरामदे पर बैठकर पढ़ना पड़ता है. प्रतिदिन 70 प्रतिशत से अधिक छात्र छात्राएं पढ़ने आते हैं. बरसात के समय में कमरों में पानी घुस जाता है. बच्चों की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है.
शिक्षकों को बैठने की भी नहीं है व्यवस्था
बताया जाता है कि स्कूल में आठवीं तक की पढ़ाई होती है. स्कूल में 12 शिक्षक पदस्थापित है. जिसमें नौ शिक्षक व तीन शिक्षिकाएं हैं. शिक्षकों को बैठने के लिए जगह नहीं है. शिक्षकों ने बताया कि बच्चों को शिक्षा का उचित माहौल उपलब्ध नहीं है, ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता पर असर पड़ना स्वाभाविक है. बताया कि स्कूल परिसर में मात्र एक शौचालय है. शिक्षक व छात्रों को परेशानी होती है. बताया शिक्षक व छात्रों के लिए शुद्ध पानी पीने की व्यवस्था नहीं है.बरसात में छात्रों को होती है परेशानी
बताया जाता है कि छात्रों को बरसात के समय में सबसे ज्यादा परेशानी होती है. प्रधानाध्यापक ने बताया कि भवन की कमी बारिश के दिनों में सबसे अधिक खलता है. गर्मी में तो फिर भी बच्चे बाहर व बरामदे पर पढ़ लेते हैं, लेकिन बरसात के दिनों में विवश होकर बच्चों की छुट्टी करनी पड़ती है. बताया कि बरामदे के सामने जलजमाव हो जाता है. कई दिनों तक जलजमाव होने पर दुर्गंध देने लगता है. शिक्षक व छात्रों में संक्रमण फैलने की डर रहती है. उमस भरी गर्मी में बिजली कटने पर छात्रों को फजीहत हो जाती है. कई बार तो छात्र बेहोश भी हो जाते हैं. स्कूल में समुचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण परेशानी होती है.
कहते हैं प्रधानाध्यापक
विद्यालय के प्रधानाध्यापक मधुकांत भारती ने बताया कि ने विद्यालय परेशानी से जूझ रहा है. बरसात में सभी कमरों में पानी घुस जाता है. बच्चों की सुरक्षा को लेकर हमेशा चिंतित रहते हैं. कई बार सांप भी स्कूल के अंदर घुस आता है. जगह की कमी से हर दिन समस्या होती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है