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योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता, निरंतर निगरानी व उत्तरदायित्व अनिवार्य: डीएम

पोषण ट्रैकर एप्लिकेशन के उपयोग, लाभार्थियों की फीडिंग की मिली जानकारी

पोषण ट्रैकर एप्लिकेशन के उपयोग, लाभार्थियों की फीडिंग की मिली जानकारी खगड़िया. गुरुवार को समाहरणालय सभाकक्ष में जिलाधिकारी नवीन कुमार की अध्यक्षता में एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गयी. बैठक में पोषण ट्रैकर एप्लिकेशन के उपयोग, लाभार्थियों की फीडिंग स्थिति, आंगनबाड़ी केंद्रों पर की जा रही फील्ड प्रविष्टियों की स्थिति पर चर्चा की गयी. बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ), सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओएस), पर्यवेक्षक, तकनीकी स्टाफ, ब्लॉक स्तरीय अधिकारी तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित थे. जिलाधिकारी ने कहा कि पोषण ट्रैकर जैसे तकनीकी माध्यमों के जरिये वास्तविक समय में लाभार्थियों विशेषकर बच्चों, किशोरी बालिकाओं और गर्भवती/धात्री महिलाओं की निगरानी को और प्रभावी बनाया जाना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर नियमित डेटा एंट्री होनी चाहिए. किसी भी दशा में शून्य फीडिंग स्वीकार नहीं की जाएगी. इसके अतिरिक्त, कुपोषित बच्चों की शीघ्र पहचान कर उन्हें समयबद्ध ढंग से विशेष पोषण आहार उपलब्ध कराने की प्रक्रिया सुनिश्चित की जाय. जिलाधिकारी ने कहा कि आगामी पोषण माह और पोषण पखवाड़े की तैयारी अभी से प्रारंभ की जाय. उसमें जनभागीदारी को प्राथमिकता दी जाय. बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने कार्य निष्पादन में लापरवाही पर सख्त रुख अपनाते हुए डीपीओ-आईसीडीएस को यह निर्देश दिया कि पोषण ट्रैकर सहित 10 प्रमुख संकेतकों के आधार पर सेविकाओं के कार्य की समीक्षा की जाय. जिन सेविकाओं का निष्पादन लगातार कमतर पाया गया है. उनमें से पांच सबसे कम प्रदर्शन करने वाली सेविकाओं की पहचान की जाय. यदि किसी सेविका का प्रदर्शन 80 प्रतिशत से नीचे है. तो उसकी मासिक वेतन से 20 प्रतिशत की कटौती की जाय. इसके साथ ही संबंधित सीडीपीओ द्वारा स्पष्टीकरण प्राप्त किया जाय. यदि आवश्यक हो तो सेविका को परामर्श अथवा दोबारा प्रशिक्षण के लिए चिन्हित किया जाय. जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि योजनाओं से जुड़े लाभार्थियों विशेषकर बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य से किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जवाबदेही हर स्तर पर सुनिश्चित की जाएगी. जिलाधिकारी ने सभी सीडीपीओएस को कहा कि वे प्रत्येक सप्ताह कम से कम दस आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करें. सोमवार तक अपनी रिपोर्ट जिला कार्यक्रम अधिकारी को प्रस्तुत करें. निरीक्षण के दौरान केंद्रों पर बच्चों, महिलाओं और किशोरियों की उपस्थिति, पोषण आहार वितरण, वजन मापन जैसी गतिविधियों की गहनता से समीक्षा की जाय. किसी भी प्रकार की अनियमितता मिलने पर त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित सेविका को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाय. निरीक्षण के पश्चात सीडीपीओ स्वयं निरीक्षण प्रपत्र में टिप्पणियां दर्ज करें. उसकी प्रति समयबद्ध रूप से उपलब्ध कराये. बैठक में आईसीडीएस टीम के समस्त परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक एवं तकनीकी टीम उपस्थित थे. जिलाधिकारी ने अंत में अधिकारियों से कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता, निरंतर निगरानी और उत्तरदायित्व की भावना अनिवार्य है. ताकि योजनाओं का लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक प्रभावी ढंग से पहुंच सके.

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