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Khan Sir लड़ेंगे बिहार विधानसभा का चुनाव! बोले- बड़े बदलाव की जरूरत 

Khan Sir: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद राजनीति में आने की खबरों को लेकर खान सर ने सफाई दी है, इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि उनका अगला कदम क्या होने वाला है.

Khan Sir: बिहार में भले ही विधानसभा चुनाव में अभी एक साल का वक्त हो लेकिन सभी पार्टियों और नेताओं ने अभी से चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है. ऐसे में बिहार के फेमस टीचर खान सर को लेकर भी रोज नई नई जानकारी सामने आ रही है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद कयास लगाया जाने लगा कि क्या खान सर अब राजनीति में आने वाले हैं. अगर वह राजनीति में आते हैं तो किसा पार्टी में शामिल होंगे और कहां से चुनाव लड़ेंगे. ऐसे में अब इन सब सवालों का उन्होंने जवाब दिया है.   

Khan Sir With Cm Nitish Kumar
सीएम नीतीश कुमार के साथ खान सर

मुझे बच्चों को पढ़ाने से फुर्सत नहीं: खान सर 

खान सर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मेरा मानना है कि पढ़े लिखे लोगों को राजनीति में आना चाहिए. इस दौरान उन्होंने टीचर से नेता बने अवध ओझा के बारे में कहा कि अवध ओझा सीनियर टीचर हैं, अब वो राजनीति में गए हैं. मेरा मानना है कि पढ़े लिखे लोगों को राजनीति में आना चाहिए, लेकिन जहां तक मेरा सवाल है, मुझे बच्चों को पढ़ाने से फुर्सत नहीं है. साल 2024 में भी हमसे लोगों ने पूछा था. मैं साफ कर देता हूं कि 2025 में होने वाले चुनाव में दिलचस्पी नहीं है. हालांकि, सभी राजनीतिक दलों को अब अपने घोषणापत्र में विद्यार्थियों की बात रखनी पड़ेगी. एग्जाम का कैलेंडर कब निकलेगा? प्री और मेन्स एग्जाम के बीच कितने दिन का अंतर होगा? 

परीक्षा केंद्रों की जांच कराए BPSC 

बीपीएससी द्वारा बापू परीक्षा परिसर केंद्र की परीक्षा रद्द करने पर खान सर ने कहा कि वहां पर हंगामा ज्यादा हुआ था, लेकिन बीपीएससी को एक कमेटी बनाकर और भी परीक्षा केंद्रों की सीसीटीवी जांच करनी चाहिए. हम लोग टीचर हैं और हमारे पास भी खबरें आती हैं, लेकिन हम जांच नहीं कर सकते. उनके पास अथॉरिटी है. बीपीएससी जैसी संवैधानिक संस्था को बच्चों के बीच साख भी बनानी है. 

बड़े बदलाव की जरूरत 

उन्होंने आगे कहा, “हम हमेशा कहते हैं कि स्टेट हो या सेंट्रल गवर्नमेंट, उन्हें यूनिवर्सिटी को देखना चाहिए. चार साल पढ़ने के बाद भी बच्चे किस स्थिति में बाहर आ रहे हैं? क्या वह स्वावलंबी हो पा रहे हैं या नहीं? फाइनेंसियल फ्री हो पा रहे हैं या नहीं? इसमें बड़े बदलाव की जरूरत है. केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति लाई थी, लेकिन उसमें बदलाव क्या हुआ? उसको देखने में समय लगेगा कि धरातल पर उसमें क्या बदलाव हुआ है. 

 नॉर्मलाइजेशन के विरोध में हैं खान सर 

बता दें कि बीते दिनों खान सर की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी, इसके बाद उन्हें पटना के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डिहाइड्रेशन, थकान और तनाव के कारण उनकी सेहत पर असर पड़ा था. उल्लेखनीय है कि हाल के दिनों में खान सर बिहार लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन का वे समर्थन कर रहे थे. खान सर ने बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन के मुद्दे पर किसी तरह का समझौता नहीं करने की बात कही थी और छात्रों के आंदोलन को खुलकर समर्थन देने का ऐलान क‍िया था. 

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Prashant Tiwari
Prashant Tiwari
प्रशांत तिवारी डिजिटल माध्यम में पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में एक्टिव हैं. करियर की शुरुआत पंजाब केसरी से करके राजस्थान पत्रिका होते हुए फिलहाल प्रभात खबर डिजिटल के बिहार टीम तक पहुंचे हैं, देश और राज्य की राजनीति में गहरी दिलचस्पी रखते हैं. साथ ही अभी पत्रकारिता की बारीकियों को सीखने में जुटे हुए हैं.

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