किशनगंज. जन्म के कुछ ही दिनों बाद जब एक बच्ची के शरीर में ऐसी विकृति हो, जो उसकी ज़िंदगी की शुरुआत को ही संघर्ष बना दे, तो यह बड़ी चुनौती भी बन जाती है. न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट ऐसी ही एक गंभीर स्थिति है, जिसमें रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क का विकास ठीक से नहीं हो पाता है। बच्चा कई बार चलने-फिरने, पढ़ने और सामान्य जीवन जीने से वंचित रह जाता है. अब सरकार की योजना और चिकित्सकीय प्रगति ऐसी बच्चियों के लिए भी उम्मीद की किरण बन रही हैं. किशनगंज जिले की पांच वर्षीया शबनम खातून, जो एनटीडी जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है, को आज राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत उच्चस्तरीय सर्जरी के लिए एम्स पटना भेजा गया. सिविल सर्जन डॉ राज कुमार चौधरी ने बताया कि शबनम खातून, कोचाधामन प्रखंड के एक ग्रामीण परिवार से है. परिजनों ने बेटी की स्थिति के कारण लंबे समय तक सामाजिक चिंता और आर्थिक विवशता का सामना किया. लेकिन राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की जिला टीम द्वारा की गई स्क्रीनिंग में शबनम की बीमारी की पहचान हुई और फिर उसे एम्स पटना में इलाज के लिए चिन्हित किया गया. उसे शुक्रवार काे सदर अस्पताल किशनगंज से विशेष एम्बुलेंस के माध्यम से पटना रवाना किया गया, जहां विशेषज्ञों की निगरानी में उसकी सर्जरी की जाएगी. इलाज पूरी तरह निःशुल्क है, जिसमें ऑपरेशन, दवाएं, जांच, रहने-खाने जैसी सभी सुविधाएं शामिल हैं. सिविल सर्जन डॉ राज कुमार चौधरी ने बताया कि हमारे जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम टीम की सक्रियता से कई बच्चों की जान बचाई जा रही है. यह योजना खास तौर से उन गरीब और पिछड़े परिवारों के लिए वरदान है, जो महंगे इलाज का खर्च वहन नहीं कर सकते. शबनम खातून का केस हमारे लिए एक प्रेरणा है कि समय पर की गई पहल एक जीवन को बदल सकती है. एनडीटी एक जन्मजात विकृति है, जो गर्भावस्था के पहले महीने में शिशु के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के ठीक से न बनने के कारण होती है. जिला समन्वयक पंकज शर्मा ने कहा हमारी टीम प्रखंड स्तर पर लगातार स्क्रीनिंग करती है और गंभीर रोगों से पीड़ित बच्चों की पहचान कर उन्हें इलाज के लिए रेफर करती है.
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