-आरबीएसके से जिले के गरीब परिवारों के बच्चों को मिल रहा जीवनदान, इलाज पूरी तरह नि:शुल्क
– गरीब परिवारों के लिए वरदान साबित हो रही योजनाकिशनंज
जिले में कई ऐसे गरीब परिवार हैं जिनके बच्चे जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित हैं. इस बीमारी का इलाज सामान्य परिवारों के लिए लाखों रुपये का खर्च लेकर आता है, जो उनकी पहुंच से बाहर होता है. ऐसे में भारत सरकार की बाल हृदय योजना और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम इन बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए जीवनदान साबित हो रहे हैं. आज इसी कड़ी में आरबीएसके टीम के माध्यम से तीन बच्चें मोहित आलम, रोशनी कुमारी और हसमत रजा को इलाज के लिए सदर अस्पताल किशनगंज से आईजीआईएमएस, पटना भेजा गया. इनमें से हसमत रजा का सफल ऑपरेशन दो माह पूर्व अहमदाबाद में हो चुका है, अब उसे रूटीन चेकअप के लिए भेजा गया है.गरीबी के बीच जीती-जागती मिसाल
थाकुरगंज प्रखंड के रहने वाले 4 वर्षीय हसमत रजा का जन्म के समय ही दिल में छेद था. उसके पिता इरशाद एक छोटी सी दुकान चलाते हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है. आरबीएसके टीम की सक्रियता और बाल हृदय योजना की मदद से हसमत को अहमदाबाद के अस्पताल में निःशुल्क ऑपरेशन के लिए भेजा गया.हसमत के पिता ने कहा कि हमारे लिए तो यह इलाज असंभव था.
सभी बच्चों को पूरी तरह नि:शुल्क इलाज दिया जा रहा है- सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा कि आज मोहित, रोशनी और हसमत को आईजीआईएमएस भेजा गया है. हसमत का अहमदाबाद में ऑपरेशन पहले ही सफल हो चुका है और अब उसका फॉलोअप चेकअप होगा. हम चाहते हैं कि जिले का कोई भी बच्चा इलाज के अभाव में पीड़ित न रहे.
यह योजना गरीब परिवारों के लिए जीवन रक्षक है
जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा कि जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों की पहचान और समय पर रेफरल हमारी प्राथमिकता है. मैं सभी अभिभावकों से अपील करता हूँ कि यदि बच्चों में ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करें. जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट पंकज कुमार शर्मा ने कहा कि आरबीएसके टीम घर-घर जाकर बच्चों की स्क्रीनिंग कर रही है. हमने अब तक कई बच्चों की पहचान कर उन्हें बड़े अस्पतालों में रेफर किया है. इलाज, यात्रा और रहने-खाने की पूरी सुविधा सरकार की ओर से निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है.
लक्षण पहचानें, समय पर इलाज कराएं
जन्मजात हृदय रोग के सामान्य लक्षण
-बच्चे का बार-बार बीमार पड़ना-सांस लेने में तकलीफ
-नीले होंठ या त्वचा-सामान्य विकास में देरी
इन लक्षणों पर तुरंत स्वास्थ्य विभाग, आशा या आरबीएसके टीम से संपर्क करें. समय पर पहचान से बच्चों की जान बचाई जा सकती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है