किशनगंज.
नवविवाहितों के लिए खास त्योहार मधुश्रावणी का पर्व मंगलवार से शुरू हो गया है. जो 27 जुलाई को संपन्न होगा. मिथिलांचल की संस्कृति और परम्पराओं की अनूठी मिशाल वार्ड 30 स्थित डुमरिया, वार्ड 24 स्थित रूईधासा वाजपेई कॉलोनी सहित अन्य स्थानों में देखने को मिल रही है. यहां नव विवाहिता महिलाएं मधु श्रावणी पर्व मना रही है. नवविवाहिता महिला सुबह से ही पूजन कार्य में जुट जाती है. उनके साथ साथ आसपास की महिलाएं भी पूजन कार्य में लगी हुई है. पर्व को लेकर नव विवाहिता महिलाएं उत्साहित है. नई शादी शुदा महिलाओं के लिए इस पर्व का खास महत्व है. नए वस्त्र पहनकर पूजा की जाती है. पर्व कर रही नव विवाहिता कृति कुमारी कहती है यह पर्व महत्वपूर्ण पर्व होता है. इस पर्व की खास बात यह है कि इस पर्व के दौरान बासी फूल मनसा देवी को चढ़ाया जाता है. भगवान शिव, पार्वती और मनसा पूजा की जाती है. पंडित जयहिंद मिश्रा ने बताया कि जिस कन्या का विवाह जिस वर्ष होता है उसी वर्ष आने वाले पहले मधुश्रावणी में व्रत किया जाता है. पति की लंबी उम्र के लिए यह पर्व मनाया जाता है. पूजा नवविवाहिता के मायके के होती है लेकिन पूजन सामग्री व भोजन ससुराल से आने का रिवाज है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है