बेलवा शुक्रवार को सरस्वती विद्या मंदिर मोती बाग किशनगंज के प्रांगण में वंदना सभा में रामचरित्र मानस के रचयिता महाकवि तुलसीदास की जयंती मनाई गई. सीमा जागरण मंच के प्रांत संगठन मंत्री अरविंद कुमार एवं जिला मंत्री बुलेन कुमार सिंह तथा प्रधानाचार्य नागेंद्र कुमार तिवारी, प्रभारी संतोष कुमार ठाकुर ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलंकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस अवसर पर रामचरित्र मानस का पाठ तथा पाठ गायन तथा गोस्वामी तुलसीदासजी के जन्म एवं उनके कृतियों पर प्रकाश डाला गया. सीमा जागरण के प्रांत संयोजक प्रांत मंत्री संगठन मंत्री अरविंद कुमार ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी का जीवन हिंदू समाज के संपूर्ण सुरक्षा के चिंतक थे. प्राचार्य नागेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि गोस्वामी तुलसीदास जी ने मुगलों से त्रस्त हिंदू जनमानस को हिंदू समाज के आपसी फूट आपसी भेदभाव को अपने व्याख्यान प्रवचन के द्वारा एग्जिट करने का प्रयास किया जो राज हिंदू राजा आपस में लड़ते थे उनको भी राम चरित्र के मानस जैसे पवित्र ग्रंथ को सुना कर उस पर प्रवचन दे देकर सबको एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया. हम सभी को भी उनके जीवन चरित्र से शिक्षा लेते हुए संपूर्ण जनमानस को राम जैसे आदर्श महापुरुष के चरित्र के अनुसार राष्ट्र के प्रति समर्पित बनाना है. एक समरस समाज का निर्माण करना. इस अवसर पर उजाला, संजुक्ता, संतोष कुमार ठाकुर, सुनील कुमार पांडेय, हरगोपाल सरकार, पिंटू मंडल नीता सिंह, प्रिया प्रसाद, निशीत भट्टाचार्य, मधुरेंद्र झा, दिवाकर चौरसिया आदि सभी आचार्य उपस्थित थे. आज सरस्वती विद्या मंदिर मोती बाग किशनगंज के प्रांगण में वंदना सभा में रामचरित्र मानस के रचयिता महाकवि तुलसीदास की जयंती मनाई गई. सीमा जागरण मंच के प्रांत संगठन मंत्री अरविंद कुमार एवं जिला मंत्री बुलेन कुमार सिंह तथा प्रधानाचार्य नागेंद्र कुमार तिवारी, प्रभारी संतोष कुमार ठाकुर ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलंकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस अवसर पर रामचरित्र मानस का पाठ तथा पाठ गायन तथा गोस्वामी तुलसीदासजी के जन्म एवं उनके कृतियों पर प्रकाश डाला गया. सीमा जागरण के प्रांत संयोजक प्रांत मंत्री संगठन मंत्री अरविंद कुमार ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी का जीवन हिंदू समाज के संपूर्ण सुरक्षा के चिंतक थे. प्राचार्य नागेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि गोस्वामी तुलसीदास जी ने मुगलों से त्रस्त हिंदू जनमानस को हिंदू समाज के आपसी फूट आपसी भेदभाव को अपने व्याख्यान प्रवचन के द्वारा एग्जिट करने का प्रयास किया जो राज हिंदू राजा आपस में लड़ते थे उनको भी राम चरित्र के मानस जैसे पवित्र ग्रंथ को सुना कर उस पर प्रवचन दे देकर सबको एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया. हम सभी को भी उनके जीवन चरित्र से शिक्षा लेते हुए संपूर्ण जनमानस को राम जैसे आदर्श महापुरुष के चरित्र के अनुसार राष्ट्र के प्रति समर्पित बनाना है. एक समरस समाज का निर्माण करना. इस अवसर पर उजाला, संजुक्ता, संतोष कुमार ठाकुर, सुनील कुमार पांडेय, हरगोपाल सरकार, पिंटू मंडल नीता सिंह, प्रिया प्रसाद, निशीत भट्टाचार्य, मधुरेंद्र झा, दिवाकर चौरसिया आदि सभी आचार्य उपस्थित थे.
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