किशनगंज.
जिले के सदर अस्पताल समेत विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन एक से 7 अगस्त तक किया जा रहा है. जिसमें माताओं और परिवारों को स्तनपान के महत्व के प्रति जागरूक किया जा रहा है. सिविल सर्जन डॉ राज कुमार चौधरी ने कहा कि मां का दूध नवजात शिशु के लिए अमृत समान है. जन्म के पहले घंटे में स्तनपान शुरू कराना और 6 माह तक केवल मां का दूध पिलाना जरूरी है. इससे शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और वह डायरिया एवं निमोनिया जैसे संक्रमणों से बचता है. उन्होंने बताया कि अस्पतालों में प्रसव के बाद एक घंटे के भीतर स्तनपान सुनिश्चित कराने पर विशेष जोर दिया जा रहा है और माताओं को बाहरी दूध की बजाय केवल स्तनपान कराने की सलाह दी जा रही है. इस वर्ष की थीम का उद्देश्य है कि स्तनपान को सफल बनाने के लिए माताओं को परिवार, स्वास्थ्य सेवाओं, कार्यस्थलों और समुदाय से निरंतर सहयोग मिले. केवल व्यक्तिगत प्रयास से स्तनपान की सफलता संभव नहीं है, बल्कि इसके लिए सामूहिक सहयोग आवश्यक है. डीएम विशाल राज ने कहा कि एनएफएचएस 5 के आंकड़े बताते हैं कि जिले में जन्म के पहले घंटे में स्तनपान कराने की दर केवल 16.9 प्रतिशत है. इसे बढ़ाना हमारी प्राथमिकता है क्योंकि स्तनपान बाल मृत्यु दर को कम करने और शिशुओं में बेहतर पोषण सुनिश्चित करने का सबसे प्रभावी तरीका है. उन्होंने निर्देश दिया कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्तनपान संबंधी जागरूकता गतिविधियां नियमित रूप से आयोजित की जाएं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है