लखीसराय
. जिले में इस बार 42 सौ हेक्टेयर धान के बिचड़ा गिराने का लक्ष्य है. अभी तक 30 प्रतिशत तक बिचड़ा गिराया जा चुका है. जिले के हलसी, रामगढ़ चौक एवं चानन के नहर में पानी आ जाने से किसानों को धान का बिचड़ा का आच्छादन जोरों से की जा रही है. इसके के लिए केवीके के वैज्ञानिक कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार ने कृषि गोष्ठी का आयोजन कर किसानों को नकद फसल के अलावा धान के अधिक उत्पादन को लेकर उन्हें कई तरह की जानकारी पूर्व में भी दी गयी है. किसान धान की सिंचाई, करोनी, खाद आदि का प्रयोग कब-कब करना है इसकी जानकारी विस्तृत रूप से दी जा रही है. अधिकांश जगहों पर 6444 व सबौर संपन्न धान का विचड़ा गिराया गया है. कृषि समन्वयक कृष्ण किशोर कुमार ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा सबौर संपन्न धान का विचड़ा किसानों को अनुदान की राशि पर उपलब्ध कराया गया है. यह एक कठ्ठा में ढाई मन धान की उपज किसान को देती है. यह धान ऊंची खेतों में लगाया जाता है. कुछ किसानों का धान का विचड़ा लगभग तैयार हो चुका है. जिन किसानों ने रोहन नक्षत्र में धान का बिचड़ा गिराया है. उनकी मोरी लगभग तैयार हो चुका है. गढ़ी बिशनपुर के किसान रामसागर चौधरी ने बताया कि उनके द्वारा रोहन नक्षत्र में धान का बिचड़ा गिराया गया था, जो कि लगभग तैयार है. धाम रोपनी के लिए खेत तैयार किया जा रहा है. एक दो दिन बाद रोपनी की जायेगी. धान की रोपनी किसान ऐसे भी सावन माह से शुरू कर देते हैं. आगे 10 जुलाई को आषाढ़ माह समाप्त हो जायेगा. 11 जुलाई से सामान माह शुरू हो जायेगा आद्रा नक्षत्र धान का विचड़ा गिराने का आखिरी नक्षत्र माना जाता है और आद्रा नक्षत्र वर्तमान में चल रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है