लखीसराय. अंतिम व चौथा सोमवारी को लेकर श्रद्धालुओं के लिए शुभ माना जा रहा है. अंतिम सोमवार को अशोक धाम में भक्तों की भीड़ उमड़ने की पूरी संभावना बनी हुई है. कई श्रद्धालु अहले सुबह ही अशोक धाम पैदल पहुंचने का मन बना रखा है. अशोक धाम में दो बजे रात से लोग पहुंचना शुरू कर देता है एवं ढाई से तीन बजे तक बैरिकेडिंग में लाइन लगना शुरू कर देते है. सुबह आठ बजे तक इतनी लंबी कतार लग जाती है कि शाम तक श्रद्धालु भोले बाबा का जलाभिषेक करते है. अंतिम सोमवार को भीड़ उमड़ने की संभावना को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है. अंतिम सोमवारी को दो लाख से अधिक श्रद्धालु के द्वारा जलाभिषेक किया जा सकता है. इसके लिए जिला प्रशासन के द्वारा तैयारियां भी की गयी है. पहली सोमवारी को 80 हजार दूसरी सोमवारी को एक लाख से अधिक एवं तीसरी सोमवार को दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं के द्वारा जलाभिषेक किया गया है. अंतिम सोमवारी को भी दो से ढाई लाख श्रद्धालुओं के द्वारा जलाभिषेक करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.
एकादशी व अंतिम सोमवारी एक साथ होना दुर्लभ संयोग
अंतिम सोमवारी के दिन एकादशी भी है और एकादशी विष्णु भगवान की आराधना दिन माना जाता है. वहीं सोमवार को भगवान भोलेनाथ का दिन माना जाता है. दोनों एक साथ एक दिन है. यह एक बड़े संयोग की बात है कि भगवान शिव एवं भगवान विष्णु की पूजा एक साथ होना है. ऐसे भी शिव और विष्णु एक दूसरे का प्रतीक माने जाते हैं. अशोक धाम के पुजारी बिट्टू कुमार पांडे का कहना है कि अंतिम सोमवारों एकादशी के दिन है. एकादशी के दिन भगवान विष्णु की भी पूजा होती है. वहीं सोमवार होने के कारण भगवान शिव की भी पूजा होगी.
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