लखीसराय. जिले से सटकर बहने वाली गंगा का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच चुका है. बताया जा रहा है कि गंगा का जलस्तर हथिदह में खतरे के निशान को पार कर गया है. जिस वजह से जल्द ही जिले के तट पर भी इसके खतरे के निशान से पार कर जाने की संभावना है. गंगा के जलस्तर बढ़ने की वजह से दियारा इलाकों में गंगा का पानी तेजी से फैल चुका है. जिससे लोगों के बीच समस्या उत्पन्न होने लगी है. सबसे अधिक वर्तमान समय में पशुओं के चारा की समस्या उत्पन्न हो रही है. वहीं आवागमन भी प्रभावित होने लगा है. लोगों का कहना है कि यदि गंगा का जलस्तर इसी तरह से बढ़ता रहा तो जिला एक बार फिर से बाढ़ की चपेट में आ जायेगा. जानकारी के अनुसार पिपरिया प्रखंड व बड़हिया प्रखंड के कई गांवों में गंगा का पानी फैल चुका है. बड़हिया के खुटहा डीह पूर्वी व पश्चिमी पंचायत के गांवों में पानी के प्रवेश करने की सूचना है. इधर, किऊल नदी का पानी स्थिर हो चुका है. वहीं गंगा के जलस्तर के पानी में बढ़ोतरी होने के कारण ही किऊल नदी का पानी स्थिर बताया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर अन्य क्षेत्रों में किसान के खेतों में प्रतिदिन हो रही बारिश के कारण पानी जमा हो चुका है. धान का फसल पिछले तीन दिनों से पूरी तरह डूबा है. जिससे कि धान का पौधा गलने की पूरी आशंका जतायी जा रही है. किसानों का कहना है कि अभी तक खेत में लगे धान का 10 प्रतिशत पौधा गल चुका होगा. जिन किसानों के पास धान का बिचड़ा बचा हुआ है वही धान की खेती का नुकसान का भरपाई कर सकता है, लेकिन जिस किसान के पास धान का विचड़ा नहीं बचा है उन्हें नुकसान सहना पड़ सकता है.
बोले अधिकारी
जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी सह वरीय उपसमाहर्ता शशि कुमार ने बताया कि हथीदाह में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार चुका है. वहीं मुंगेर में खतरे के निशान पर गंगा का जलस्तर पहुंच चुका है. उन्होंने कहा कि मंगलवार से दियारा क्षेत्र के लोगों से संवाद स्थापित कर राहत सामग्री पहुंचाया जायेगा.
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