Liquor Ban In Bihar: बिहार में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है. इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव भी होने हैं. इसको लेकर तमाम पार्टियां अपने-अपने हिस्से की तैयारी में जुट गई हैं. वार पलटवार का दौर जारी है. इसी बीच बिहार में शराबबंदी को लेकर गहमा-गहमी बढ़ गई है. बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री आरके सिंह ने शराबबंदी को लेकर बिहार सरकार की नीतियों को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने शराबबंदी को नाकाम करार दिया. साथ ही इसे हटाने की भी मांग की है. आरके सिंह का कहना है कि इस नीति से न सिर्फ युवाओं का भविष्य खतरे में पड़ा है, बल्कि पुलिस और प्रशासन भी इसके चलते गलत दिशा में जा रहे हैं.
बिहार से शराबबंदी कानून हटा देना चाहिए: आरके सिंह
दरअसल, पूर्व मंत्री आरके सिंह रविवार को आरा के बड़हरा प्रखंड में एक किसान संगठन के कार्यक्रम में शामिल हुए, जहां उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शराबबंदी को लेकर सरकार को ही घेर लिया. अपने संबोधन में आरके सिंह ने कहा, “शराबबंदी का एकमात्र फायदा नशा बंद करना था, लेकिन यह फेल हो गया. बिहार से शराबबंदी कानून हटा देना चाहिए. क्योंकि आज के युवा वर्ग ड्रग्स, हेरोइन आदि जैसे मादक पदार्थों के नशे में डूबते जा रहे हैं. लगभग सभी थानों के थानेदार शराब धंधेबाजों को पकड़ने में पूरे दिन व्यस्त रहते हैं. इसे हटाना ही बेहतर है.”
शराबबंदी को लागू करने का तरीका गलत: आरके सिंह
पूर्व मंत्री आरके सिंह ने आगे कहा, “शराबबंदी को लागू करने का तरीका गलत है. सरकार के पास इस नीति को सही तरीके से संभालने का प्रबंधन नहीं है. उन्होंने कहा, “अगर सही मैनेजमेंट होता तो शराबबंदी कामयाब हो सकती थी, लेकिन अभी यह सिर्फ कागजों पर चल रही है.” इसके अलावा उन्होंने किसानों की जमीन और महिला कॉलेज जैसे मुद्दों पर भी अपनी बात रखी. साथ ही विकास के लिए ठोस कदम उठाने का आश्वासन दिया.