मधुबनी.
बिहार सरकार खेती के साथ-साथ मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है. इसके तहत एससी और इबीसी के लिए तालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत जिले में 17.405 एकड़ में रियरिंग तालाब का निर्माण कराया जाना है. इनमें से 16. 087 एकड़ में तालाब का निर्माण पूरा करा लिया गया है. जहां किसान अंगुलिका मत्स्य बीज का उत्पादन आसानी से कर सकेंगे. योजना के तहत मछली पालने वाले किसानों को रियरिंग तालाब निर्माण, बोरिंग पंपसेट, मत्स्य इनपुट, शेड का निर्माण यांत्रिक एरेटर पर अनुदान दे रही है. सरकार मत्स्य पालन को एक संगठित, समृद्ध और आत्मनिर्भर उद्यम के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से तालाब मत्स्यिकी विशेष सहायता योजना चला रही है. यह मत्स्य कृषकों के लिए एक बड़ी सौगात साबित हो रही है. इस योजना का लाभ जिले के सभी किसानों को देने के लिए इसका क्रियान्वयन किया जा रहा है.अनुदान के रूप में दी जा रही 70 प्रतिशत राशि
इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अत्यंत पिछड़े वर्ग के मत्स्य कृषकों को विशेष सहायता उपलब्ध कराई जा रही है. इसमें रियरिंग तालाब का निर्माण, बोरिंग, पंपसेट, समरसिबल पंप की स्थापना, शेड निर्माण, यांत्रिक एरेटर, मत्स्य इनपुट इत्यादि को शामिल कर “पैकेज सहायता” स्वरूप में अनुदान प्रदान किया जा रहा है. जिले के चयनित लाभार्थी मत्स्य कृषकों को प्रति एकड़ जलक्षेत्र की निर्धारित इकाई लागत 10.10 लाख रुपये के विरुद्ध 70 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जा रही है. शेष 30 प्रतिशत राशि लाभार्थी द्वारा स्वयं अथवा बैंक ऋण के माध्यम से वहन करना है.कौन हो सकते हैं लाभुक
इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब वर्ग के किसानों और मछली पालकों के हितों की रक्षा करना है. साथ ही उनके कारोबार को इस योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी को मत्स्य कार्य में रुचि जरूरी है. इसके अलावा आवेदक के पास निजी या लीज एकरारनामा पर कम से कम आधा एकड़ जमीन होना चाहिए. वहीं, निर्धारित यूनिट की लागत में अनुदान की राशि के अतिरिक्त राशि चुकाने में सक्षम होना चाहिए. इस तरह से इस विशेष योजना का लाभ उठा सकते हैं.लाभार्थी का चयन प्रक्रिया
इस योजना का लाभ लेने के लिए मत्स्य विभाग के वेबसाइट https://fisheries.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. वहीं लाभार्थी का चयन जिला मत्स्य पदाधिकारी या फिर उप मत्स्य निदेशक की अध्यक्षता वाली कमेटी के द्वारा किया जायेगा. विशेष सहायता योजना के तहत रियरिंग तालाब निर्माण और संबंधित सभी यूनिट पर लागत 10.10 लाख रुपये प्रति एकड़ है. जिला मत्स्य पदाधिकारी अंजनी कुमार ने कहा कि इस योजना से छोटे और सीमांत मत्स्य कृषकों को मत्स्य पालन को आर्थिक रूप से लाभकारी व्यवसाय के रूप में अपनाने का अवसर मिल रहा है. तालाब मत्स्यिकी विशेष सहायता योजना मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा दे रही है. साथ ही मत्स्य कृषकों की आय वृद्धि और जीवन स्तर सुधार की दिशा में भी एक प्रभावशाली पहल बनकर सामने आ रही है.जिला मत्स्य पदाधिकारी अंजनी कुमार ने कहा कि इस योजना से छोटे और सीमांत मत्स्य कृषकों को मत्स्य पालन को आर्थिक रूप से लाभकारी व्यवसाय के रूप में अपनाने का अवसर मिल रहा है. तालाब मत्स्यिकी विशेष सहायता योजना मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा दे रही है. साथ ही मत्स्य कृषकों की आय वृद्धि और जीवन स्तर सुधार की दिशा में भी एक प्रभावशाली पहल बनकर सामने आ रही है.
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