मधुबनी. चालू वित्तीय वर्ष में अब तक कृषि यंत्रों पर अनुदान की जानकारी स्पष्ट नहीं होने से किसानों में मायूसी एवं उहापोह की स्थिति है. वहीं कृषि यंत्र विक्रेताओं में असमंजस की स्थिति बनी है. जिस कारण खरीफ मे खेती के प्रभावित होने की आशंका जतायी जा रही है. हालात यह है कि खरीफ फसल का आदर्श समय आ चुका है. पर अब तक योजना को स्वीकृति तक नहीं मिल सका है. किसानों या विभाग के अधिकारी, व्यापारी तक को यह पता नहीं है कि किस योजना को इस साल सरकार ने अनुदान की श्रेणी में रखा है किसे नहीं. किस यंत्र पर कितना अनुदान है. तो दूसरी ओर कृषि यांत्रिकरण योजना की स्वीकृति नहीं मिल पाने से आवेदन भी नहीं किया जा सकता है. जिस कारण न तो आवेदन हो रहा है न स्वीकृति पत्र निर्गत होगा न ही किसान यंत्र की खरीदारी कर सकेंगे. किसान मनीष चौधरी बताते हैं कि बीते साल अप्रैल माह में ही किस यंत्र पर क्या अनुदान है और किस यंत्र पर अनुदान स्वीकृत किया गया है यह अब तक नहीं बताया गया है. ऐसे में किसान यंत्र खरीदारी से पीछे हट रहे हैं. वहीं, किसान प्रदीप मिश्र बताते हैं कि सरकार बड़े यंत्रों पर अनुदान देने के दिशा में अधिक जोड़ दे रही है. जबकि मधुबनी जिला में अधिकांश किसान मध्यम हैं, जिनके पास बड़े यंत्र खरीदारी करने का कोई उपयोग नही है. सरकार को छोटे यंत्रों पर अधिक से अधिक अनुदान देने की पहल करनी चाहिये. ताकि किसान छोटे यंत्र की खरीदारी कर समय से खेती कर सके. डीलरों में उहापोह एक ओर जहां किसानों में कृषि यंत्र पर अनुदान स्वीकृत नहीं होने से उहापोह है वहीं डीलरों में भी इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनी है. तिरुपति ट्रैक्टर्स के मालिक राघवेंद्र प्रसाद ठाकुर बताते हैं कि अधिकांश किसान अनुदान पर ही यंत्र की खरीदारी करते हैं. प्रत्येक दिन किसान आकर यंत्र खरीदारी की जानकारी लेने आते हैं पर यह स्थिति ही स्पष्ट नही है कि किस यंत्र पर चालू वित्तीय वर्ष में कितना अनुदान स्वीकृत देय है. जिस कारण वे लोग पूरा पैसा लेने के बाद ही यंत्र देंगे. ऐसे में किसान यंत्र की खरीदारी नहीं कर पा रहे. सरकार को जल्द ही इस दिशा में दिशा निर्देश जारी कर देना चाहिये. ताकि यहां के किसान समय से खरीफ की खेती कर सकें क्या कहते हैं अधिकारी इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी ललन कुमार चौधरी ने बताया है कि संभावना है कि एक सप्ताह में स्थिति स्पष्ट हो जायेगी. पर अब तक योजना की स्वीकृति नहीं मिल सकी है.
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