मधुबनी . युवा एकता सेवा संस्थान के कलाकारों मुंशी प्रेमचंद लिखित नाटक गिरगिट का मंचन पंडौल प्रखंड के सरिसब पाही स्थित सामुदायिक भवन में गुरु शिष्य परंपरा के तहत किया. नाटक की कहानी है कि एक पुलिस इंस्पेक्टर बाजार के चौक से गुजर रहा है. उसके हाथ में एक बंडल है और उसने नया ओवरकोट पहने हुए है. उसके पीछे-पीछे एक सिपाही, जिसके बाल लाल हैं, हाथों में झरबेरी की टोकरी लिए चला आ रहा है. अचानक भीड़ जमा हो जाती है और एक आदमी जिसका अपनी उंगली उठाए हुए चिल्ला रहा है कि उसे एक कुत्ते ने काट लिया है. यह कुत्ता किसका है इस पर इंस्पेक्टर पूछताछ शुरू करता है. पहले तो वह कहता है कि यह एक आवारा कुत्ता है. जिसे मार देना चाहिए. फिर जब उसे पता चलता है कि यह कुत्ता शायद जनरल साहब के भाई का है तो वह तुरंत अपने विचार बदल देता है और कहता है कि यह एक शानदार कुत्ता है. उसे जनरल साहब के पास वापस ले जाना चाहिए. यह दर्शाता है कि वह परिस्थिति और सत्ता के अनुसार कैसे सब कुछ बदल जाता है. ठीक एक गिरगिट की तरह. नाटक के किरदार में रौशन कुमार, नीरज कुमार, रिकेश कुमार झा, जुली कुमारी, प्रीति कुमारी ने अपनी कला का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है