मधुबनी.
मधुबनी गौशाला में शेड के जीर्णोद्धार से गौशाला की स्थिति में काफी सुधार हुआ है. गौशाला के नाम पर ही गौशाला मोहल्ला में स्थित मधुबनी गौशाला के पुराने शेड को तोड़कर नया बनाया गया है. गौशाला के सचिव संजीव कुमार ने बताया कि पुराने जर्जर शेड से बरसात में पानी टपकता था एवं गर्मी के दिनों में तेज धूप से गौशाला में रखे गायों को परेशानी होती थी. उसे ध्वस्त कर गौशाला में उसके ही आर्थिक संसाधन से 14 लाख रुपये की लागत से नया शेड का निर्माण किया गया है. पानी की व्यवस्था की गयी है. गौशाला के भूमि पर चारा उत्पादन का कार्य भी शुरू किया गया है. वर्मी कंपोस्ट के निर्माण पर भी गौशाला समिति विचार कर रही है. गौशाला में रखे गायों की देखभाल के लिए दो स्टाफ रखे गए हैं.20 गाय है गौशाला में
वर्तमान में मधुबनी गौशाला में 20 गाय एवं दो बाछी को रखा गया है. गौशाला के नियम के अनुसार गौशाला में देसी गाय को रखने का ही प्रावधान है. इन 20 गायों में 12 गाय पकरौआ गाय है. जबकि आठ गायों की खरीद हुई है. इन आठ गाय से 30 लीटर दूध की प्राप्ति होती है. गौशाला में रखें सभी 20 गाय को पशुपालन विभाग द्वारा टीकाकरण कराया गया है एवं गायों की टैगिंग की गयी है.
गाय की मौत होने पर होती है परेशान
गौशाला में रखे गाय की मृत्यु होने पर काफी परेशानी होती है. सचिव संजीव कुमार ने कहा कि गौशाला में गाय की मौत होने पर पशुपालन विभाग के चिकित्सकों द्वारा पोस्टमार्टम किया जाता है. इसके बाद इसे मिट्टी में गाड़ने के लिए निजी तौर पर ट्रैक्टर से दूर कहीं ले जाकर जेसीबी से गड्ढा खोदकर उसे जमीन के नीचे गाड़ा जाता है. इसमें नगर निगम की ओर से सहयोग नहीं किया जाता है. गौशाला समिति के अध्यक्ष सह सदर एसडीओ चंदन कुमार झा ने कहा कि गौशाला के उचित प्रबंधन एवं रखरखाव के लिए जो भी बढ़िया विकल्प होगा उसे पूरा किया जाएगा. रोड पर घूमते लावारिस गाय को गौशाला में रखने का प्रबंध किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि गौशाला की भूमि का अतिक्रमण करने वालों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है