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Madhubani : मॉडल अस्पताल मधुबनी में आइसीयू का हुआ शुभारंभ

मॉडल अस्पताल मधुबनी में आईसीयू सेवा को सोमवार को शुभारंभ किया गया.

डीएम आनंद शर्मा के अनुरोध पर मॉडल अस्पताल में भर्ती महिला मरीज ने किया उद्घाटन जिलेवासियों को गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाना सर्वोच्च प्राथमिकता:डीएम आईसीयू में कुल 10 विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी, 12 स्टॉफ नर्स एवं 4 चतुर्थ वर्गीय कर्मी प्रतिनियुत मधुबनी . मॉडल अस्पताल मधुबनी में आईसीयू सेवा को सोमवार को शुभारंभ किया गया. इस दौरान डीएम आनंद शर्मा के पहल पर मॉडल अस्पताल में भर्ती महिला मरीज मोहिनी देवी ने आईसीयू का उदघाटन किया. गौरतलब हो कि जिलाधिकारी आनंद शर्मा ने पिछले सप्ताह सदर अस्पताल के औचक निरीक्षण में क्रम में उपस्थित सिविल सर्जन को निर्देश दिया था कि अविलंब आईसीयू शुरू करना सुनिश्चित करें. डीएम के निर्देश पर अस्पताल प्रबंधन ने त्वरित गति से अनुपालन किया. डीएम जब अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने अस्पताल में भर्ती महिला मरीज मोहिनी देवी से अनुरोध किया कि आप स्वयं अपने हाथों से इसका उद्घाटन करें. बताते चलें कि जिला मॉडल अस्पताल मधुबनी में 6 बेड का आईसीयू का संचालन सोमवार से शुरू हो गया है. आईसीयू के संचालन से अति गंभीर मरीज जिन्हें सांस की समस्या, मस्तिस्क आघात सहित अन्य गंभीर बिमारियों के मरीजों का बेहतर से बेहतर इलाज आईसीयू में हो सकेगा. आईसीयू में वेंटिलेटर, पेशेंट, मॉनिटर, सिरिंज पंप, पेशेंट नर्सिंग बेल, इलेक्ट्रिक्ट आईसीयू बेल इत्यादि सहित सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन, सेंट्रलाइज्ड सक्शन एवं सेंट्रलाइज्ड एयर की सुविधा उपलब्ध है. आईसीयू में कुल 10 विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी, 12 स्टॉफ नर्स एवं 4 चतुर्थ वर्गीय कर्मी को सभी दिन 24 घंटे डयूटी पर लगाया गया है. वैसे गंभीर मरीज जिनको आईसीयू की आवश्यकता पूर्व में होती थी उन्हें अन्य हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता था, लेकिन कुछ मरीज सरकारी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में नहीं पहुंच पाते थे. उन्हें प्राईवेट अस्पताल में जाना पड़ता था. वैसे जरूरत मंद मरीजों का आज से सदर अस्पताल में ही इलाज किया जा सकता है. डीएम ने कहा कि जिलेवासियों को पूरी सहजता के साथ गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. ताकि उन्हें बेहतर चिकित्सकीय सुविधा अपने जिले में ही प्राप्त हो सकें. आईसीयू में उपयोग होने वाले कुछ मुख्य उपकरण वेंटिलेटर- यह मशीन सांस लेने में सहायता करती है, खासकर उन रोगियों के लिए जो खुद से सांस लेने में सक्षम नहीं हैं. मॉनिटर- यह उपकरण रोगी के महत्वपूर्ण संकेतों जैसे हृदय गति, रक्तचाप, ऑक्सीजन संतृप्ति और शरीर के तापमान की निगरानी करता है. आइवी पंप- यह उपकरण दवाएं और तरल पदार्थ अंतः शिरा आइवी रूप से शरीर में पहुंचाता है. डायलिसिस मशीन-यह मशीन गुर्दे की विफलता वाले रोगियों के रक्त को शुद्ध करती है. डिफाइब्रिलेटर- यह मशीन हृदय की असामान्य लय को सामान्य करने के लिए विद्युत सदमे का उपयोग करती है. कैथेटर- विभिन्न प्रकार के कैथेटर का उपयोग शरीर से तरल पदार्थों को निकालने या दवाएं देने के लिए किया जाता है, जैसे कि मूत्र कैथेटर, नासोगैस्ट्रिक ट्यूब, और केंद्रीय शिरापरक कैथेटर. ईसीजी मशीन- यह मशीन हृदय की विद्युत गतिविधि को रिकॉर्ड करती है. सक्शन मशीन-यह मशीन शरीर से तरल पदार्थों और स्रावों को हटाती है. इंट्रावेनस लाइनें- यह नस में डाली जाती हैं और तरल पदार्थ और दवाएं देने के लिए उपयोग की जाती हैं. शारीरिक थेरेपी उपकरण- यह उपकरण रोगियों को उनकी गतिशीलता और मांसपेशियों की ताकत वापस पाने में मदद करते हैं. अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. हरेद्र कुमार, जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज कुमार मिश्रा, उपाधीक्षक डॉ. राजीव रंजन, अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद, डॉ. अंजली झा, डॉ. मो. शादिक, स्टाफ नर्स दिव्या भारती, विनोद कुमार, जैनेद्र माधव, पिरामल फाउनडेशन के महेद्र सिंह सोलंकी उपस्थित थे.

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