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Smart Meter: क्या वाकई स्मार्ट मीटर से बढ़ जाता है बिजली का बिल? डीएम ने बताई सच्चाई

Smart Meter: बिहार में स्मार्ट मीटर को लेकर सियासत तेज है. विपक्षी पार्टियां सरकार पर लगातार हमलावर है. वहीं दूसरी ओर प्रशासन लोगों को जागरूक करने में लगा हुआ है. इसी कड़ी में मधुबनी में डीएम और अधीक्षण अभियंता ने एक प्रेस वार्ता कर लोगों को इस संबंध में जागरूक किया.

Smart Meter: बिहार में स्मार्ट मीटर को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा है. आरजेडी भी विभिन्न जिलों में इसके खिलाफ प्रदर्शन करने की तैयारी कर रही है. इस बीच मधुबनी के डीएम अरविंद कुमार वर्मा और अधीक्षण अभियंता विद्युत दरभंगा अजय कुमार ने समाहरणालय के सभागार में स्मार्ट मीटर के फायदे बताए और इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर किया.

प्रीपेड स्मार्ट मीटर में कई विशेषताएं

डीएम ने बताया कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर में कई विशेषताएं हैं जैसे शून्य लागत पर स्मार्ट मीटर लगाना, रिचार्ज में 3 प्रतिशत का लाभ, पूर्व की भांति सरकार द्वारा घोषित सब्सिडी का लाभ, दैनिक खपत का आंकलन, बिजली बिल न मिलने की शिकायत नहीं, ऑफलाइन व ऑनलाइन रिचार्ज की सुविधा आदि. उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर संबंधी किसी भी समस्या के लिए जिले में विशेष हेल्पलाइन नंबर दिया गया है.

2000 से ज्यादा बैलेंस रखने पर मिलता है ब्याज

डीएम ने कहा कि स्मार्ट मीटर लगाने से पूर्व विद्युत बकाया राशि को 300 दिनों में भुगतान करने की व्यवस्था की गई है. जिससे उपभोक्ताओं को बकाये राशि एक साथ जमा करने की वित्तीय भार से मुक्ति मिलती है. उपभोक्ता यदि 2000 या इससे अधिक राशि अपने खाते में लगातार बरकरार रखते हैं तो उन्हें इन दोनों पर ब्याज देय होगा. साल में 3 महीने तक यह राशि बरकरार रखने पर बैंक दर से ब्याज देय है. 3 महीने से 6 महीने तक रखने पर बैंक दर से प्लस 0. 25 प्रतिशत की दर से देय है. 6 माह से अधिक समय तक रखने पर बैंक दर से प्लस 0.5 प्रतिशत की दर से देय है. अद्यतन भुगतान करने वाले उपभोक्ता के परिसर में स्मार्ट मीटर लगाने के बाद भविष्य में भी बकाया राशि संचय नहीं होता है. जिससे उपभोक्ताओं को लगने वाली भारी ब्याज से मुक्ति मिलती है. स्मार्ट मीटर व इलेक्ट्रॉनिक मीटर के बिल में कोई अंतर नहीं होता है.

नए बिजली कनेक्शन में नहीं ली जाती सुरक्षा राशि

अधीक्षण अभियंता विद्युत दरभंगा अजय कुमार ने बताया कि स्मार्ट मीटर के माध्यम से नया बिजली कनेक्शन स्थापित करने के समय कोई सुरक्षा राशि नहीं ली जाती है. स्मार्ट मीटर लगाने के बाद पहले से ली गई सुरक्षा राशि भी वापस कर दी जाती है. स्मार्ट मीटर लगाने के बाद यदि स्वीकृत लोड से अधिकतम मांग बढ़ जाती है तो उपभोक्ता को 6 माह तक अधिकतम मांग शुल्क से राहत दी जाती है. स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के परिसर में सोलर पैनल लगाने के बाद स्मार्ट मीटर को नेट मीटर से बदल दिया जाता है. जिससे उपभोक्ताओं को अलग से नेट मीटर खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती है.

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मोबाइल पर मिल जाता है बिल

अजय कुमार ने कहा कि स्मार्ट मीटर से प्राप्त सटीक और विस्तृत डेटा समस्याओं के त्वरित समाधान में सहायक होता है. उपभोक्ताओं को मोबाइल ऐप के माध्यम से बिल प्राप्त होता है. वे कार्यालय जाए बिना भी अपने स्मार्ट मीटर को रिचार्ज कर सकते हैं. त्रुटि रहित बिलिंग के कारण उपभोक्ताओं को बिजली कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ते. स्मार्ट मीटर प्रणाली को पारदर्शी और सुलभ बनाते हैं. इससे उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा मिलती है. अजय कुमार ने जिले के बिजली उपभोक्ताओं से अनुरोध किया कि जिन उपभोक्ताओं के घर में अभी तक स्मार्ट मीटर नहीं लगा है वे शीघ्र ही स्मार्ट मीटर लगाकर योजना का लाभ उठाएं.

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Anand Shekhar
Anand Shekhar
Dedicated digital media journalist with more than 2 years of experience in Bihar. Started journey of journalism from Prabhat Khabar and currently working as Content Writer.

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