मधुबनी.
सावन महीने में लोगों को बारिश का इंतजार रहता है. वहीं, इस समय तापमान का पारा 38 डिग्री सेल्सियस से बढ़कर 39.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है. गर्मी के कारण लोगों का हाल बेहाल है. आलम यह है कि गुरुवार को शहर से लेकर एनएच पर जहां हर समय जाम व लंबी दूरी के वाहनों का आना-जाना लगा रहता है, वहां भी विरान दिखा. एनएच पर इक्के-दुक्के वाहन गुजरता नजर आया रहा. गर्मी से परेशान मजदूर भी कुछ देर काम करने के बाद गर्मी से बचने के लिए छांव तलाशते रहे. भीषण गर्मी में डायरिया व डिहाइड्रेशन के मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो गया है. मॉडल सदर अस्पताल के चाइल्ड वार्ड में वायरल फीवर एवं डायरिया के 8 बच्चे को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है. चाइल्ड वार्ड की प्रभारी जीएनएम पूजा ने कहा कि चाइल्ड वार्ड में प्रतिदिन फीवर एवं डायरिया के 5 से 7 बच्चे को भर्ती कर इलाज किया जाता है. वहीं, इमरजेंसी में भी डायरिया के मरीज आ रहे हैं.भीषण गर्मी से निजात के लिए विभाग अलर्ट
भीषण गर्मी से उत्पन्न लू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है. वहीं, मौसम विभाग पूसा से मिली जानकारी अनुसार आने वाले दो तीन दिनों में तापमान में 3-4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोत्तरी होने की संभावना है. पिछले 5 दिनों के तापमान को देखा जाए तो रविवार को अधिकतम तापमान 30.1 डिग्री सेल्सियस, सोमवार को 35.3 डिग्री सेल्सियस, मंगलवार को 36.2 डिग्री सेल्सियस, बुधवार को को 38.2 एवं गुरुवार को 38.8 डिग्री सेल्सियस जो सामान्य से 4.1 डिग्री सेल्सियस अधिक एवं न्यूनतम तापमान 28.4 डिग्री सेल्सियस रहा. इसके कारण जनजीवन काफी प्रभावित हो रहा है. ग्रामीण कृषि मौसम सेवा डा. राजेंद्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय के नोडल पदाधिकारी डॉ ए सत्तार की माने तो आने वाले तीन चार दिनों में तापमान में 3-5 डिग्री सेल्सियस की तपिश और अधिक बढ़ने की संभावना है. इस दौरान 10-15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पछिया हवा चलने का अनुमान है. वहीं भीषण गर्मी के संबंध में डॉक्टरों का कहना है, की अत्यधिक गर्मी एवं इससे उत्पन्न लू से आमजनों को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. विशेषकर छोटे बच्चों, स्कूली बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती-धात्री माताओं एवं विभिन्न कार्य के लिए घर से बाहर निकलने वाले लोगों को स्वास्थ्य संबंधी काफी समस्याएं हो सकती है. तापमान में बढ़ोतरी के कारण पेयजल संकट भी उत्पन्न हो गया है.स्वास्थ्य संस्थानों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश
भीषण गर्मी एवं इससे उत्पन्न लू की संभावना को देखते हुए सिविल सर्जन ने इससे बचाव व इससे उत्पन्न विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों के चिकित्सकीय उपचार एवं प्रबंधन के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिया है. सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार ने जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में भीषण गर्मी एवं लू से प्रभावित व्यक्तियों के अहर्निश रूप से समुचित चिकित्सीय उपचार एवं प्रबंधन के लिए विशेष कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया है. सभी सरकारी अस्पतालों में एंटी डायरियल मेडिसिन, आइबी फ्लूड ओआरएस एवं इससे संबंधित अन्य आवश्यक औषधियों तथा मेडिकल डिवाइस एवं कंज्यूमेबल की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है