रमण कुमार मिश्र, मधुबनी
सीएम नीतीश कुमार ने शनिवार को लौकही से जिला के चार अहम योजनाओं का शिलान्यास किया. इसमें 426 करोड़ की लागत से पुरानी कमला एवं जीवछ कमला नदी का पुनर्जीवीकरण एवं इनपर 4 वीयर तथा अन्य संरचनाओं के निर्माण कार्य, 31 करोड़ 13 लाख की लागत से मां सीता एवं प्रभु श्री राम के प्रथम मिलन स्थल फुलहर स्थान का पर्यटक स्थल के रुप में विकास कार्य, 178 करोड़ की लागत से जयनगर शहीद चौक के पास रेल ओवर ब्रिज के निर्माण कार्य, 14 करोड़ 53 लाख की लागत से मधुबनी में अंतरराज्यी बस अड्डा के निर्माण कार्य का शिलान्यास शामिल है. इन चारों योजनआों को जिला के विकास के क्षेत्र में काफी अहम माना जा रहा है. जानकारों का कहना है कि चारों योजनाओं के पूरा हो जाने से एक ओर जहां किसानों को सिंचाई के साधन सुगम हो जायेंगे वहीं फुलहर स्थान में दर्शन को देश विदेश के पर्यटक आ सकेंगे. जिससे लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा.इन योजनाओं को जाने
264.93 करोड़ रुपये लागत की पुरानी कमलाधार, जीवछ नदी, जीवछ कमला एवं पुरानी कमला नदी आदि को पुनर्जीवित करने एवं इससे सिंचाई सुविधा बढ़ाने तथा बाढ़ न्यूनीकरण की प्रस्तावित योजना (बाढ़ प्रक्षेत्र) का शिलान्यास किया गया है. कमला नदी के अतिरिक्त पुरानी कमला, मरनी कमला नदी एवं जीवछ नदी खजौली, पंडौल आदि प्रखण्डों से पूर्व से प्रवाहित है. सन् 1987 में कमला नदी पर मुख्य बांध का निर्माण होने के कारण पूर्व से प्रवाहित पुरानी कमला एवं उससे जुडी मरनी कमला मृतप्राय हो गई. प्रखंड खजौली की सुक्की पंचायत के पास कमला दाया बांध में हेड रेगुलर बनाकर तथा पुरानी कमला एवं उससे जुड़ी मरनी कमला का जीर्णोद्धार कर इन सभी नदियों को पुनर्जीवित किये जाने की योजना है. इस योजना का कार्यान्वयन कुल 160.00 किमी में होना है. इसके अंतर्गत बाढ़ प्रबंधन से संबंधित कार्य से मधुबनी जिला के खजौली, राजनगर एवं पंडौल (कुल 3) प्रखंड तथा दरभंगा जिला के केवटी, दरभंगा सदर, बहादुरपुर, बहेरी, बेनीपुर, बिरौल, कुशेश्वरस्थान पूर्वी एवं कुशेश्वरस्थान पश्चिमी (कुल 8) क्षेत्र लाभांवित होंगे.साथ ही मुख्यमंत्री ने 161.08 करोड़ रुपये लागत की पुरानी कमला नदी एवं जीवछ कमला पर 04 बीयर एवं अन्य संरचना के निर्माण कार्य आदि को पुनर्जीवित करने एवं इससे सिंचाई सुविधा बढ़ाने तथा बाढ़ न्यूनीकरण कार्य का शिलान्यास किया. इस योजनान्तर्गत नदियों को आपस में जोड़ने से कृषि उद्देश्य हेतु पानी की निरंतर आपूर्ति होगी तथा सूखाग्रस्त क्षेत्रों में पानी की कमी की समस्या दूर होगी. साथ ही नदियों को आपस में जोड़ने से बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों से अतिरिक्त पानी को पानी की आवश्यकता वाले क्षेत्रों की ओर मोड़कर बाढ़ नियंत्रण में योगदान मिलेगा एवं बाढ प्रबंधन होगा. मधुबनी जिला अंर्तगत पंडौल एवं रहिका प्रखंड तथा दरभंगा जिला अंतर्गत बहादुरपुर, मनीगाछी एवं घनश्यामपुर प्रखंड के अंतर्गत लगभग 6089 हेक्टेयर कमांड क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। इससे मधुबनी और दरभंगा जिले में मछली, मखाना, सिंघाड़ा आदि जलीय उत्पादों की पैदावार बढ़ेगी.
बस स्टैंड के निर्माण पर होगा 14.53 करोड़ रुपये खर्च
14.53 करोड़ रुपये की लागत से मधुबनी में अंतरराज्यी बस अड्डे के निर्माण कार्य का शिलान्यास सीएम ने किया. मधुबनी शहर के वासियों द्वारा व्यावसायिक, सांस्कृतिक एवं अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये बस सहित अन्य यात्री वाहन का प्रयोग किया जाता है. वर्तमान में उपलब्ध बस अड्डा गंगासागर चौक पर अवस्थित है. शहर का तीव्र नगरीकरण हो रहा है तथा जनघनत्व भी बढ़ रहा है. शहर में उपलब्ध सड़कें काफी संकीर्ण हैं एवं सड़कों के चौड़ीकरण के लिये पर्याप्त जगह भी उपलब्ध नहीं है, ऐसे में गंगासागर चौक अवस्थित बस अड्डा से खुलने वाली बसों सहित अन्य वाहनों के आवागमन से जाम, पार्किंग व प्रदूषण सहित अन्य समस्या का सामना करना पड़ता है. रामपट्टी के निकट प्रस्तावित बस अड्डा वर्तमान में शहर से लगभग 05 किमी की दूरी पर है. यहां पर बस स्टैंड के निर्माण से मधुबनी शहर को जाम एवं प्रदूषण की समस्या से मुक्ति मिलेगी तथा यह शहर के विस्तारीकरण में भी सहयोग प्रदान करेगा.सालों से आरओबी की रही है मांग
178 करोड़ रुपये की लागत से जयनगर शहीद चौक के पास आरओबी का मांग सालों से रहा है. जयनगर-खजौली रेलवे स्टेशन के बीच बने LC-39 पर विभिन्न माध्यम से आरओबी निर्माण की मांग की जाती रही है. LC-39 पर आरओबी के निर्माण नहीं होने के कारण अनेक दिशाओं से जयनगर बाजार आनेवाले आम लोगों को रेलवे द्वारा निर्मित यू-टर्न सड़क से लगभग दो से तीन किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है. साथ ही यात्री रेल गाड़ी / मालवाहक रेलगाड़ी आने के समय रेलवे गुमटी बंद रहने के कारण काफी समय तक इंतजार करना पड़ता है एवं भारी जाम की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है. आरओबी निर्माण हो जाने से जयनगर बाजार जानेवाले लोगों के द्वारा तय की जा रही अतिरिक्त दूरी, समय व ऊर्जा की बचत होगी. साथ ही लोगों को जाम की समस्या से निजात मिल सकेगी.पर्यटक स्थल के रुप में होगा फुलहर स्थान का विकास
31.13 करोड़ रुपये की लागत से हरलाखी के मां सीता एवं प्रभु श्रीराम के प्रथम मिलन स्थल ””””फुलहर स्थान”””” को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जानेवाले कार्य का शिलान्यास किया गया. फुलहर स्थान मधुबनी जिले के हरलाखी प्रखंड में एक प्राचीन ऐतिहासिक स्थल है. यह वह स्थान है जहां भगवान राम एवं देवी सीता पहली बार मिले थे. यहां मिथिला के राजा जनक का फूलों का बगीचा था. देवी भगवती का एक बहुत प्रसिद्ध मंदिर है. यह आज गिरिजा स्थान के रुप में जाना जाता है, यहीं स्थित है. इस स्थान को बिहार सरकार द्वारा वर्ष 2020 में हिन्दू तीर्थयात्रियों के लिये पर्यटन केंद्र के रुप में मान्यता दी गयी है. इस स्थल के विकसित होने से मधुबनी जिला पर्यटकीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो जायेगा एवं पर्यटन को बढ़ावा मिलने से मधुबनी जिलावासियों की आर्थिक उन्नति होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है