मधुबनी. गुरुवार को नगर निगम के मेयर के कार्यालय कक्ष में सशक्त स्थाई समिति की बैठक हुई. इसमें मेयर अरुण राय, डिप्टी मेयर अमानुल्लाह खान, नगर आयुक्त अनिल चौधरी, सदस्य सुलेखा देवी, विभा देवी, कैलाश सहनी, मो.जमील अंसारी, अरुण कुमार, आशीष कुमार झा, निराला देवी, प्रधान सहायक उदय झा व सिटी मैनेजर राजमणि गुप्ता मौजूद थे. एकल मुद्दे पर आयोजित इस बैठक में 31 जुलाई को समाप्त हो रहे सफाई एजेंसी के कार्यकाल के बाद शहर में होने वाले सफाई कार्य के लिए विमर्श किया गया.
इस दौरान नगर आयुक्त ने विभागीय निर्देश का हवाला देते हुए कहा कि नई सफाई एजेंसी के चयन के लिए मॉडल आरएफपी का विभागीय स्तर से निर्धारण होने के बाद ही टेंडर की प्रकिया की जाएगी. कहा कि विभाग से निर्देश है कि नई एजेंसी के चयन होने तक वर्तमान कार्यरत सफाई एजेंसी से ही सफाई कराया जाए. विभागीय निर्देश के आलोक में आयुक्त की ओर से सभी सदस्यों से इस संबंध में उनके सुझाव की मांग की गई. इसके आलोक में सदस्यों की ओर से वर्तमान कार्यरत सफाई एजेंसी के कार्य प्रणाली के प्रति सदस्यों की ओर से तीखा आक्रोश व्यक्त किया. सभी सदस्यों ने वर्तमान एजेंसी का कार्यकाल समाप्त होने के बाद उनसे कार्य कराए जाने से इनकार कर दिया. सदस्यों ने एक सूर में इसके लिए वैकल्पिक उपाय पर विमर्श किए जाने की बात बतलायी.सदस्यों ने बताया कि सफाई एजेंसी को कार्य प्रणाली में सुधार लाए जाने के लिए मेयर व नगर आयुक्त की ओर से समय-समय पर निर्देश दिया जाता रहा है. बावजूद एजेंसी की ओर से मनमाने ढंग से कार्य किया जाता रहा है. समाचार पत्रों में भी नियमित रूप से शहर की साफ-सफाई से संबंधित खबर छपती रही है. लेकिन एजेंसी की ओर से त्रुटियों में सुधार के लिए कभी भी प्रयास नहीं किया गया. यहां तक कि एजेंसी की ओर से की जाने वाली त्रुटिपूर्ण कार्य के लिए समय-समय पर दंड स्वरूप राशि की भी कटौती की जाती रही है. बावजूद एजेंसी के ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ा. सशक्त स्थाई समिति के पारित प्रस्ताव पर एजेंसी ने शपथ पत्र के माध्यम से दोबारा गलती नहीं होने व भूल सुधारे जाने के लिए एक अवसर दिए जाने का अनुरोध किया था. इसके आलोक में एजेंसी को अवसर दिया गया. लेकिन एजेंसी के कार्यशैली में किसी भी प्रकार की सुधार नहीं हुई. यहां तक कि सफाई मजदूरों ईपीएफ एवं ईएसआई राशि के अंशदान को जमा कराने में भी लगातार गड़बड़ी की गई. जिसके लिए निगम कार्यालय की ओर से एजेंसी को नोटिस भी जारी किया गया है.
कैनाल सफाई में बरती गयी उदासीनता
वर्तमान एजेंसी को ही बरसात पूर्व सभी कैनालों की डीप क्लीनिंग करना था. लेकिन एजेंसी किनार से इस कार्य में भी व्यापक अनियमितता बरता गया. परिणामस्वरूप कैनालों की साफ सफाई का कार्य निगम को स्वयं करना पड़ा. इस दौरान कैनाल सफाई समय से नहीं होने पर जलजमाव बाहुल्य क्षेत्र के नागरिकों में निगम के प्रति असंतोष का भाव भी देखा गया. सभी सदस्यों ने एक सूर में जनहित को दृष्टिकोण रखते हुए वर्तमान कार्यरत एजेंसी से साफ-सफाई कार्य जाने से इनकार कर दिया. तत्पश्चात निर्णय लिया गया कि नया सफाई एजेंसी के चयन के लिए विभाग द्वारा जारी किए गए मॉडल आरएफपी के अनुसार ही निविदा किया जाए. निविदा के निष्पादन तक की अवधि के लिए नगर निगम इस कार्य की बागडोर स्वयं संभाले.नागरिकों को नहीं होगी परेशानीमेयर अरुण राय ने बताया कि नागरिकों के हितों को देखते हुए सफाई जैसे मुद्दे पर किसी भी प्रकार से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. वर्तमान कार्यरत एजेंसी का 31 जुलाई को कार्यकाल समाप्त हो रहा है. इसके बाद इसके लिए नागरिकों को परेशान नहीं होना पड़े इस दिशा में कार्य किया जा रहा है. 1 अगस्त से नई व्यवस्था के तहत निगम क्षेत्र में साफ-सफाई का कार्य निष्पादित किया जाएगा.
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