मधुबनी. गर्मी से राहत नहीं मिल रही है. बुधवार की शाम में तेज हवा व आसमान में छाए बादल व गुरुवार को सुबह भी बादल घिरते देख लोगों को लगा कि भीषण गर्मी से निजात मिल सकती है, लेकिन दिन चढ़ते ही गर्मी का प्रकोप पूर्व की भांति ही जारी रहा. वहीं, मौसम विभाग की ओर से घोषित बारिश की संभावना भी अब तक सही साबित नहीं हो सका है. गुरुवार को पारा 37 डिग्री सेल्सियस रहा. तापमान में वृद्धि के साथ ही गर्म हवाओं के थपेड़ों से भीषण गर्मी का एहसास होने लगा. विगत 7 दिनों के तापमान पर गौर करें, तो शुक्रवार को तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस, शनिवार को 38.2 डिग्री सेल्सियस, रविवार 39.8, सोमवार को 39.2 डिग्री सेल्सियस, मंगलवार को 39.2 डिग्री सेल्सियस, बुधवार को 39.2 डिग्री सेल्सियस एवं गुरुवार को लगभग 37 डिग्री तापमान रहा.
ओपीडी में बढ़ी भीड़ :
गर्मी का आलम यह रहा कि सदर अस्पताल के ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर पर बुधवार को महज 453 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया. इलाज के लिए आने वाले मरीजों एवं परिजनों को चिकित्सकों ने गर्मी से सतर्कता बरतने की सलाह दी है. भीषण गर्मी के कारण सदर अस्पताल में सर्दी, खांसी, बुखार एवं पेट दर्द से पीड़ित मरीजों का की संख्या भी बढ़ने लगी है. इसमें सबसे अधिक मेल ओपीडी में सर्दी खांसी, बुखार, पेट दर्द,बीपी से पीड़ित 145 मरीज, स्त्री एवं प्रसूति रोग आईपीडी गायनिक 136, आर्थोपेडिक ओपीडी में 128, आईं ओपीडी में 34, चाइल्ड ओपीडी में 30 व डेन्टल ओपीडी में 15 मरीज शामिल थे. मेल ओपीडी के चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर संतोष कुमार ने कहा कि भीषण गर्मी व हीटवेव से कुछ सावधानी बरतकर अपने को सुरक्षित रखा जा सकता है. चिकित्सक ने कहा कि किसी भी प्रकार की बीमारी होने पर पीड़ित व्यक्ति को इलाज के लिए अपने चिकित्सक व नजदीकी अस्पताल में जाना चाहिए. ताकि समय रहते बीमारी का पता लगाकर उसका सही इलाज किया जा सके.453 मरीजों ने कटाया पर्ची : बुधवार को सदर अस्पताल के ओपीडी काउंटर पर 453 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया. इसमें मेल ओपीडी में 145 मरीजों का इलाज डॉक्टर संतोष कुमार ने किया. डॉक्टर. कुमार ने कहा कि वर्तमान समय में सर्दी खांसी बुखार व पेट दर्द से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ी है. ऑर्थोपेडिक ओपीडी में डॉक्टर. मेराज अशरफ ने कहा कि वर्तमान समय में अधिकांश मरीज कमर व पेट दर्द से पीड़ित थे. सिविल सर्जन डॉक्टर हरेंद्र कुमार ने कहा हीट वेब एवं भीषण गर्मी को देखते हुए सदर अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में ओआरएस सहित अन्य प्रकार की जीवन रक्षक दवाओं का भंडारण किया गया है. ताकि हीट वेब की चपेट में आने वाले मरीजों को बेहतर इलाज के साथ ही संबंधित बीमारी की दवा उपलब्ध कराया जा सके.
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