बिहार बाल विज्ञान शोध कार्यक्रम के तहत शिक्षकों का एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन मधुबनी . बिहार बाल विज्ञान शोध कार्यक्रम के तहत शिक्षकों का जिला स्तरीय दिशा निर्देशन सह प्रशिक्षण कार्यशाला शुक्रवार को रीजनल सेकेंडरी स्कूल में आयोजित किया. जिसका उदघाटन डीपीओ माध्यमिक शिक्षा कुंदन कुमार, डिप्टी डायरेक्टर कृषि यांत्रीकरण संजय कुमार, मिट्टी जांच प्रयोगशाला के सहायक निदेशक (रसायन) डॉ. अमित कुमार, डॉ1 मिथिलेश झा, बाल विज्ञान के संरक्षक सह रीजनल सेकेंडरी स्कूल के निदेशक डॉ. आरएस पांडेय, शैक्षणिक समन्वयक सह प्राचार्य डॉ. मनोज कुमार झा, ई प्रत्यूष परिमल, सीताराम यादव, डॉ. शैलेंद्र कुमार घोष, जिला समन्वयक डॉ. एसएन ठाकुर, पवन तिवारी, रवींद्र झा, अमित शाही, सुमित कुमार, राजाराम, पंकज कुमार, शंकर झा, आशीष चंद्र ने संयुक्त रूप से किया. मौके पर डीपीओ कुंदन कुमार ने कहा कि शिक्षक बच्चों को नवाचार के लिए तैयार करें. यह उनका दायित्व है. ताकि आने वाले चैलेंज को बच्चे हैंडल कर सकें उन्होंने कहा कि टीम वर्क के रूप में इस पर सभी शिक्षक काम कीजिए. उन्होंने कहा कि इस बार का मुख्य विषय खाद्य सुरक्षा एवं पर्यावरणीय स्वास्थ्य के लिए प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और उसके पांच उप विषय समयानुकूल है. जरूरत है इस पर बेहतर काम करने की. कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर संजय कुमार ने कहा कि खाद सामग्री का बेहतर उत्पादन, भंडारण, परिष्करण व खर पतवार का अध्ययन आज जरूरी हो गया है. मिट्टी जांच प्रयोगशाला के सहायक निदेशक रसायन डॉ. अमित कुमार ने कहा कि मिट्टी का संरक्षण एवं प्रबंधन जरूरी है. बच्चों को इसकी जानकारी तब होगी जब वे इसपर काम करेंगे. विशेषज्ञ सीताराम यादव ने कहा कि मौसम, जलवायु एवं कृषि बहुत गंभीर विषय है. इसपर काम करने की जरूरत है. बाल विज्ञान के संरक्षक और रीजनल सेकेंडरी स्कूल के निदेशक डॉ. आरएस पांडेय ने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं पर्यावरणीय स्वास्थ्य के लिए प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन पर बच्चों को कुछ नया करने के लिए शिक्षकों को आगे आना होगा. उन्होंने कहा कि आज जलवायु परिवर्तन विश्व स्तर पर चिंता का विषय है. शैक्षणिक समन्वयक डॉ. मनोज कुमार झा ने कहा कि बिहार बाल विज्ञान शोध कार्यक्रम बच्चों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक अच्छा मंच है. जरूरत है इसमें अधिक से अधिक बच्चे भाग लें और मधुबनी का नाम रोशन करें. ई प्रत्यूष परिमल ने कहा कि बच्चों को बिहार बाल विज्ञान कार्यक्रम के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है. मौके पर रमाकर झा, पवन कुमार, अमरेंद्र कुमार, अजीत झा सहित कई शिक्षक मौजूद थे.
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